जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 में ग्लोबल जियोपॉलिटिक्स पर होगी चर्चा

भोपाल।
अपने 16वें संस्करण में, आइकोनिक जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 19 से 23 जनवरी को होटल क्लार्क्स आमेर, जयपुर में, वैश्विक साहित्य को मंच पर प्रस्तुत करेगा| फेस्टिवल के प्रोग्राम का स्तर हमेशा की तरह इस बार भी शानदार रहने वाला है| धरती के ‘महानतम’ साहित्य शो में वर्तमान समय के महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी, जिनमें जिओपॉलिटिक्स प्रमुख है|

बेहतरीन वक्ताओं की सूची के साथ, फेस्टिवल में एक सत्र भारत-चीन के सम्बन्धों पर आधारित रहेगा| भारत-चीन के आपसी रिश्तों ने बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं, इस विषय पर बातचीत करने के लिए मौजूद रहेंगे, पत्रकार और कमेंटेटर, मनोज जोशी; भूतपूर्व विदेश सचिव व चीन के राजदूत विजय गोखले; और भूतपूर्व विदेश सचिव श्याम सरन| इनके साथ संवाद करेंगी पत्रकर और विदेश नीति की एक्सपर्ट सुहासिनी हैदर| सत्र के दौरान, जोशी एलएसी से जुड़े अनसुलझे तनाव पर बात करेंगे|

एक अन्य सत्र में, सरन यूएन रेजिडेंट कोआर्डिनेटर फॉर इंडिया शोम्बी शार्प; लेखक त्शेरिंग ताशी; भारत और भूटान में यूरोपियन यूनियन के एम्बेसडर उगो अस्तुतो; भूतपूर्व आईएफएस ऑफिसर और एम्बेसडर लक्ष्मी पुरी; और लेखक अवय शुक्ल से जलवायु संकट पर बात करेंगे| सत्र के दौरान, एक्सपर्ट पैनल COP27 के बाद के हालात और सस्टेनेबल विकास, क्लाइमेट प्रोग्रेस, क्लाइमेट जस्टिस और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे|

फेस्टिवल में, सरन भूतपूर्व आईएफएस ऑफिसर और एम्बेसडर लक्ष्मी पुरी; अकादमिक और पर्यावरणविद जैसन स्कोर्स; और भूतपूर्व राजनयिक नवदीप सूरी से संवाद करेंगे| एक सत्र ‘गवर्निंग द डेप्थ: द पॉलिटिक्स ऑफ़ द ओसियन’, में जिओपॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का एक ग्रुप मौजूदा समुद्रीय शासन व्यवस्था, चुनौतियों, संसाधन और सुरक्षा के उपायों पर चर्चा करेगा|

चीन और भारत सदियों तक दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की संभावनाएं दिखाते रहे हैं, और 21वीं सदी में उनकी संयुक्त शक्ति से यह सम्भावना वास्तविकता बन सकती है| लेकिन अपने इतिहास और सभ्यता के चलते वर्तमान में ये एक-दूसरे के लिए अजनबी हैं, और उनके रिश्ते को ग़लतफ़हमी और सैन्य तनाव से खासी क्षति पहुंची है| चीन पर बारीकी से नज़र रखने वाले भारत के तीन प्रतिष्ठित विशेषज्ञ–अकादमिक तानसेन सेन; अरुणाचल प्रदेश के भूतपूर्व गवर्नर जेजे सिंह और भारत के भूतपूर्व विदेश सचिव श्याम सरन अतीत में गहरे उतरकर भविष्य की संभावनाओं पर विचार करेंगे| सत्र संचालन करेंगे इतिहासकार और फेस्टिवल डायरेक्टर विलियम डेलरिम्पल|

एक सत्र ‘द ग्रेट गेम ऑफ़ टेक मोरालिटी’, में अकादमिक और लेखक टोबी वाल्श और टेक उद्यमी व लेखक अनिरुद्ध सूरी, संग संवाद करेंगे पत्रकार प्रवीण स्वामी| सत्र में वक्ता सूरी की नई किताब, द ग्रेट टेक गेम: शेपिंग जिओपॉलिटिक्स एंड द डेस्टिनी ऑफ़ नेशंस, पर चर्चा करते हुए, डिजिटल युग और हमारे आदर्शों में तकनीक के योगदान पर प्रकाश डालेंगे| एक अन्य सत्र में, स्वामी पत्रकार और कमेंटेटर मनोज जोशी; पत्रकार निष्ठा गौतम; और अकादमिक, पत्रकार और विदेश नीति विशेषज्ञ सी. राजा मोहन से भारत में विषम परिस्थितियों में राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति पर चर्चा करेंगे| वे भारत में कोविड महामारी के बाद उपजे संकट और वर्तमान में दुनिया पर छाए आर्थिक संकट पर चर्चा करेंगे|