ग्वालियर में बिजली कंपनी ने ऊर्जा मंत्री की भाभी को एक करोड़ का फायदा पहुंचाया! / GWALIOR NEWS

ग्वालियर। जिस मामले को लेकर ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की सर्वत्र निंदा हो रही थी, बिजली कंपनी ने उस मामले में ऐसी कार्रवाई की कि एक तरफ ऊर्जा मंत्री की छवि में सुधार हो जाए और दूसरी तरफ उनकी भाभी श्रीमती मनोरमा तोमर को एक करोड़ का फायदा भी हो जाए। 

मामला क्या है, मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की निंदा क्यों हुई

यह तो सभी जानते हैं कि बिलौआ में स्थित ऋतुराज स्टोन क्रशर ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बड़े भाई श्री देवेंद्र सिंह तोमर का है। डाक्यूमेंट्स में इसकी मालिक श्रीमती मनोरमा तोमर (पत्नी देवेंद्र सिंह तोमर) है। बिजली कनेक्शन इन्हीं के नाम पर था। जिस पर 10000000 रुपए का बिल बकाया हो गया था। 7 महीने से बिजली कंपनी लगातार नोटिस (सिर्फ नोटिस) जारी कर रही थी। बीते रोज जब यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तो बिजली कंपनी के अधिकारियों ने माननीय मंत्री जी को खुश करने के लिए एक ऐसा रास्ता निकाला जिससे उप चुनाव के पहले ना केवल मंत्री जी की छवि में सुधार होगा बल्कि उनके भाई को एक करोड रुपए का फायदा भी होगा। 

ऊर्जा मंत्री के भाई को एक करोड़ का फायदा पहुंचाने बिजली कंपनी ने क्या किया

बताने की जरूरत नहीं कि यदि गांव में 50% से अधिक लोग बिजली बिल जमा नहीं करते तो पूरे गांव की बिजली काट दी जाती है। किसान यदि प्राकृतिक आपदा और बैंक लोन चुकाने के कारण बिजली का बिल चुकाने में चूक जाता है तो उसका ट्रैक्टर जप्त कर लिया जाता है। माननीय मंत्री जी के भाई के मामले में बिजली कंपनी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। बिजली कंपनी का वह पर्चा जो किसान के ट्रैक्टर, बाइक यहां तक कि कभी-कभी टीवी पर भी चिपका दिखाई देता है, मंत्री जी के भाई की क्रेशर मशीन पर चिपका दिखाई नहीं दिया। 

कितनी चौंकाने वाली बात है कि ₹5000 का बकाया होने पर दुकानदार का बिजली कनेक्शन काटने वाली बिजली कंपनी ने 1 करोड़ का बकाया होने तक ऊर्जा मंत्री के भाई का बिजली कनेक्शन नहीं काटा बल्कि डाक्यूमेंट्स में नोटिस जारी करके अधिकारी अपनी नौकरी बचाते रहे। मामला जब मीडिया की सुर्खियों में आया तब सिर्फ कनेक्शन काटा गया और कोई कार्यवाही नहीं की गई। क्या यह बताने की जरूरत है कि 2 दिन बाद किसी दूसरे बिजली कनेक्शन से यही क्रशर फिर से चलता हुआ दिखाई देगा। सरल सवाल: किसान का ट्रैक्टर सील होता है तो मंत्री के भाई का क्रेशर सील क्यों नहीं किया।

मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर आदर्श नेता है या नौटंकीबाज ?

मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर खुद को बड़ा ही शुद्ध और सात्विक प्रमाणित करते हैं। कभी नाली साफ करने लगते हैं तो कभी चप्पल पहनना छोड़ देते हैं। अक्सर जमीन पर बैठे दिखाई दे जाते हैं लेकिन यदि वह सचमुच एक आदर्श नेता है तो बजाय कनेक्शन कटवाने के अपनी भाभी से तत्काल ₹10000000 की वसूली करके दिखाएं। मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर आदर्श नेता है या नौटंकीबाज, यह मामला इस सवाल का जवाब दे देगा।

अधिकारियों ने बहती गंगा में हाथ धो लिए, 4 अन्य क्रैशर को भी फायदा पहुंचा दिया

बिलौआ में बिजली बकाया घोटाला केवल मंत्री जी के परिवार द्वारा नहीं किया जा रहा बल्कि यहां की संस्कृति में शामिल है। और भी कई क्रेशर हैं जिन पर लाखों का बिजली बिल बकाया है और बिजली अधिकारियों ने वसूली के लिए शिवाय नोटिस जारी करने के कोई कड़ा कदम नहीं उठाया। जब मंत्री के भाई का मामला उठा तो बिजली अधिकारियों ने बहती गंगा में हाथ धो लिए। मंत्री जी की भाभी का बिजली कनेक्शन कट करने आए थे लगे हाथ चार अन्य क्रेशर के भी कनेक्शन काट दिए।
हेपनिंग इंफ्राटेक बिलौआ पर 26 लाख रुपए, 
शान स्टोन क्रशर बिलौआ पर 11 लाख, 
मंशा ग्रेनाइट बिलौआ पर 10 लाख, 
श्रीजी एसोसिएट बिलौआ 25 लाख 
कुल मिलाकर 1.72 करोड रुपए बट्टे खाते में डाल दिया गया है। 

अब क्या होगा क्रेशर कैसे चलेंगे 

केवल ग्वालियर ही क्या पूरे मध्यप्रदेश में या जालसाजी देखी जा सकती है। इस मामले में क्या होगा पता नहीं लेकिन रिकॉर्ड में ऐसे कई मामले हैं जहां इस तरह के बकाया को बट्टे खाते में डाल दिया गया और बताया गया कि घाटे के कारण क्रेशर बंद हो गया है। फिर उसी क्रेशर का नए नाम से रजिस्ट्रेशन हुआ और नया बिजली कनेक्शन।

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