PANNA NEWS: नोटिस देकर जुर्माना वसूली तक सीमित रह गई गुनौर में अतिक्रमण की कार्यवाही

संदीप विश्वकर्मा /पन्ना -: गुनौर विधानसभा मुख्यालय में करीब 20 वर्षों से पटवारी आरआई पेशकारों एवं विगत कई वर्षों में रहे तहसीलदारों ने अतिक्रमणकारियों से "कौन बनेगा करोड़पति" की तर्ज पर मिलकर करोड़पति बन गए इतना ही नहीं गुनौर राजस्व महकमे के चौकीदार भी इस गेम में शामिल रहे । जनपद पंचायत गुनौर का एक चपरासी जो राजस्व विभाग के जिम्मेदारों से मिलकर अतिक्रमण की करीब 8 एकड़ जमीन में प्लाटिंग करके बकायदा नोटरी कराकर खुलेआम बेच रहा है । जिसका आराजी नंबर 1013 है । जो कि जनपद पंचायत के पीछे लगी हुई है विभाग द्वारा अब तक नोटिस भेजकर जुर्माना वसूली तक की कार्यवाही की गई है जबकि इन के ऊपर विभाग द्वारा निष्पक्ष जांच कराकर बेदखली की सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी । लेकिन इस प्रकार की आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई ।

सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने में सरकारी कर्मचारी सबसे आगे -
अतिक्रमण के इस खेल में शिक्षा विभाग के कुछ शिक्षक राजस्व विभाग के कर्मचारी एवं पूर्व पटवारी , पुलिस विभाग के कर्मचारियों सहित पूर्व तहसीलदार के रिश्तेदारो द्वारा गुनौर में सबसे ज्यादा अतिक्रमण किया गया एवं राजस्व विभाग द्वारा इनकी घर की महिलाओं के नाम अतिक्रमण का नोटिस काटकर जुर्माना वसूली तक कार्यवाही खत्म कर दिया ।

गुनौर में कहां-कहां है अतिक्रमण - 
गुनौर विधानसभा मुख्यालय में राजस्व विभाग जिम्मेदार अधिकारियों के रहते हुए सरस्वती शिशु मंदिर के सामने बालाजी सरकार मंदिर के पास पेट्रोल पंप के पीछे आराजी नंबर 1013 जनपद पंचायत के पास सतना पन्ना मुख्य मार्ग में एवं ककरहटी रोड आईटीआई के सामने एवं पीछे कई करोड़ रुपए की जमीन पूर्व में रहे पटवारियों की मिलीभगत से सरकारी रिकॉर्ड में हेरा फेरी करते हुए खुलेआम बिकवाकर खुद करोड़पति बन गए। 
क्यों नहीं होती कार्यवाही -
भू माफियाओं के अतिक्रमण करने के बाद त्रिपाल लगाकर नीव एवं कुर्सी बना ली जाती है और उसे लाखों रुपए में कुछ दिनों बाद बेच दी जाती है और जिसके नाम बेची जाती है उनके नाम पर खुद भूमाफिया राजस्व विभाग से मिलकर नोटिस कटवा देता है फिर उसका पेशियां करवा कर दो - 500 जुर्माना करवा देता है बस यह हो गया अतिक्रमण कारी का अधिकार पत्र फिर चलता है कि इस केस के बाद वह फाइल कहां गायब हो जाती है यह किसी को पता नहीं होता है शिकवा शिकायतों में आरोप यह लग रहे हैं कि राजस्व विभाग के कुछ सिपहसालारो के द्वारा फाइल को कमीशन खोरी किस है पर ऐसे दबा दिया जाता है की फिर वह फाइल दोबारा नहीं मिलती बस ऐसे चलता है भूमाफिया एवं राजस्व विभाग की मिलीभगत से सरकारी जमीनों को खरीद फरोख्त का खेल।