JABALPUR: नर्सों के भरोसे 100 बिस्तर का अस्पताल, महीने भर में 3 की मौत

सिहोरा/पोंडा। कहने को तो सिहोरा का सिविल अस्पताल सौ बिस्तरों का स्वीकृत है लेकिन यहां का अस्पताल सिर्फ लोगों के लिए प्रदर्शनी बन कर रह गया है जहां पर मरीजों की जान की कोई परवाह किये बगैर जिम्मेदार डॉक्टर अपनी सेवाओं से नदारत रहते हैं जिसके चलते तकरीबन एक माह में अस्पताल पहुंचे पीड़ितों में शनिवार की सुबह तीसरी मौत हुई जिसमें भी परिजनों ने डॉक्टरों के अस्पताल से नदारत रहने और ईलाज नही मिलने के कारण मौत होने का आरोप लगाया है।

सिहोरा अस्पताल प्रबंधन पर युवक के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने कार्यवाही की मांग की। घटना शनिवार सुबह की है जब शेख मुंते पिता स्व शेख वफ़ाति उम्र35 साल निवासी पोडी पोंडा थाना सिहोरा अपने घर पर सो रहा था तभी सुबह 5 बजे बजे सर्प दंश का शिकार हो गया जिसे लेकर उसके परिजन सुबह 6 बजे सिहोरा अस्पताल इलाज के लिए पहुंचे लेकिन अस्पताल में डॉक्टर की उपस्थिति ना होने से उसकी हालत बिगड़ने पर आनन फानन में अस्पताल में मौजूद नर्सों ने उसे बोतल चढ़ा कर मरीज को जबलपुर रेफर करा दिया। 

जिसे परिजन एंबुलेंस से लेकर जबलपुर पहुंचे किंतु जबलपुर मेडिकल कालेज पहुँचने से पहले ही उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया इसके बाद परिवार के लोग उसे सिहोरा अस्पताल ले आये परिजनों ने बताया कि मौत के बाद जब उसे लेकर सिहोरा अस्पताल आए तो मृतक का पोस्टमार्टम करने के लिए भी चार से पांच घंटे इंतजार करना पड़ा यहां पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर भी नहीं थे।

ड्यूटी पर तैनात नर्सों ने इलाज के नाम पर केवल बोतल चढ़ाकर रेफर कर दिया था यदि मरीज को उचित  इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी वही परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर कार्यवाही की भी मांग की।