ग्वालियर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को खुली बहस के लिए एक मंच पर आमंत्रित किया है। श्री कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह जी खुले मंच पर आकर 15 साल का हिसाब दें और मैं 15 महीनों का हिसाब दूंगा। फिर जनता को जो फैसला करना हो करे।
ग्वालियर-चंबल का विकास ज्योतिरादित्य सिंधिया की जिम्मेदारी थी, उनसे पूछिए
कमलनाथ ने सिंधिया पर कटाक्ष किया कि ग्वालियर-चंबल की राजनीति व विकास में मैंने ज्यादा दखल नहीं दिया क्योंकि ये जिम्मेवारी किसी और ने उठा रखी थी। उनसे पूछिये कि ग्वालियर पिछड़ा हुआ क्यों है?
50 साल पहले ग्वालियर मध्य प्रदेश का सबसे अच्छा शहर था: कमलनाथ
श्री कमलनाथ ने कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि आज से 50 वर्ष पहले प्रदेश की पहचान ग्वालियर से होती थी, कोई इंदौर-भोपाल-जबलपुर की बात नहीं करता था। पिछले कुछ वर्षों में ग्वालियर-चंबल उपेक्षित क्यों रहा ? बुनियादी सुविधाए तक ग्वालियर को नहीं मिली ? मुझे दुख होता है ग्वालियर की सड़कों को देखकर कितने फ्लाईओवर हैं? कितने उद्योग धंधे लगे? मुझे दुख होता है जब लोग यहां मुझे पत्र लिखते हैं। हैरानी होती है जो साधारण अधिकार है जनता के, सुविधाएं हैं। वे भी उन्हें नहीं मिलती क्योंकि यहां कोई आवाज उठाने वाला नहीं। कोई उनके लिए बोलने वाले नहीं हैं। यहां के नेता आते हैं और भाषण देकर चले जाते हैं यह हालात बदलने पड़ेंगे ।इसका जिम्मेदार कौन है?
मैं 15 महीने का हिसाब देने को तैयार हूं, शिवराज जी 15 साल का हिसाब तो दें: कमलनाथ
श्री कमलनाथ ने स्पष्ट किया कि हमने अपनी 15 महीने की सरकार में अपनी नीति और नीयत का परिचय दिया।निवेशकों में विश्वास जगाया ,एक हजार गोशालायें बनाईं,बिजली का बिल सौ रुपये किया,बेटियों की शादी में 51हजार दिये ।26लाख किसानों का कर्जा माफ किया। मुझे शिवराज व भाजपा से सर्टिफिकेट नहीं चाहिये, जनता इसकी गवाह है। जो मुझसे 15 माह का हिसाब मांगते हैं, वे अपना 15 साल का हिसाब तो दें। मेरी खुली चुनौती है कि शिवराज आ जाएं इस मंच पर खड़े हो जाएं एक एक नाम पढ़ कर सुनाऊंगा और वह 15 साल के कामों का हिसाब दे दें। हम तो 15 महीने का हिसाब दे देंगे 15 साल का हिसाब कौन देगा? उन्होंने 15 साल का हिसाब नहीं दिया इसीलिए तो जनता ने घर बैठाया था।
मुझ पर आज तक कोई उंगली नहीं उठा सका: कमलनाथ
कमलनाथ ने कहा कि मुझ पर आज तक कोई उंगली नहीं उठा सका, मेरा राजनीतिक जीवन बेदाग है। ये मेरी सरकार में कोरोना को डरोना बताते थे, मुझे ज्योतिषी बताते थे। आज सबसे कम टेस्टिंग मध्यप्रदेश में हो रही है। आज स्थिति कितनी भयावह है। एक लाख मरीज हैं जिस मैने सरकार छोड़ी उस दिन केवल एक मरीज था।
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