आज तक अपनी टोटल भराव क्षमता 346.25 मीटर नही भरा गया मडीखेडा डेम,क्या डेम कमजोर है / Shivpuri News

शिवपुरी। जिले के नरवर क्षेत्र में बना अटल सागर मडीखेडा डेम की कुल क्षमता समुद्र तल से 346.25 मीटर हैं,लेकिन आज तक इस डेम का पानी अपनी भराव क्षमता तक नही पहुचने दिया जाता है। डेम के जलस्तर 345 को छूते ही इस डेम के गेट खोल दिए जाते हैं। ऐसा क्यो....क्या डेम कमजोर हैं ऐसा नही हैं यह होता हैं एक सडक के कारण। इस सडक के कारण आज तक डेम को 346.25 मीटर की उंचाई तक जल भराव नही किया गया हैं

दरसल बात यह हैं कि झांसी फोरलेन स्थित सिंध नदी पर अमोला का पुल वना हुआ हैं। यहां अटल सागर मड़ीखेड़ा डैम का जलभराव क्षेत्र लगता हैं। इस इलाके में पुल के पास सड़क इतनी नीची वना दी गई है कि यहां हर साल डैम का पानी सड़क पर आ जाता हैं। नतीजे में यातायात एकतरफा करना पड़ता हैं, जबकि कई वार हादसे भी हो चुके हैंं।

इस सड़क को ऊंचा न किए जाने के फेर में मड़ीखेड़ा डैम अपने निर्धारित जलस्तर 346.25 मीटर तक नहीं भरा जाता,क्योंकि जैसे ही डैम का जलस्तर 345 मीटर से उपर पहुचने लगता हैं तो पानी अपनी सीमा से से बहार आकर सडक पर भरने लगता है।

जल संसाधन महकमे ने सड़क की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर 7 साल पहले एनएचएआई विभाग को पत्र लिखा था, तब से कई वार दोनों विभागों के वीच वात हुई। एनएचएआई ने प्रस्ताव बनाकर दिल्ली भी भेजा लेकिन मामला खटाई में पड़ गया। और आज तक इस सडक की उंचाई नही बढी हैं।

सडक पर पानी आने से यह हो चुके हैं हादसे
बीते साल इस सडक पर पानी आ गया था रास्ते को बंद कर दिया गया था। उस पर खंडे रख कर सड़क को बंद कर दिया गया था,लेकिन रात के समय कोई संकेतक न होने के चलते तेज रफतार कार गहरे पानी में गिर गई। इसके वाद कार सवारों ने हिम्मत कर किसी तरहसे कांच तोड़े और कार में सवार दो पुरुष एक महिला और दो बच्चों की जान बचाई गई।

सडक कार पलट गई थी दो लोग हुए थे घायल
सड़क पानी आने के चलते हादसे भी हो रहे हैं। बीते साल ही एक तेज रफ्तार कार खंडे पर चढ़ने से पलट गई थी,जिससे कार में सवार दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।

इनका कहना हैं
हमने एनएचआई को अमोला पुल के निकट सडक की उंचाई बढाने को लेकर कई बार पत्र लिखे। निर्धारित जल स्तर 346.25 मीटर तक डैम भरते हैं तो फोरलेन सडक पर पानी आ जाता हैं। यहां सडक ऊंची की जाए, तभी डैम निरधारित जलस्तर तकभर सकते हैं। पानी का लेवल पूरा होते ही सड़क पर पानी आने का डर बना रहता हैं और हादसो का भी डर बना रहता हैं। एनएचएआई को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
बीपी कौशिक,मड़ीखेड़ा डैम प्रभारी।

अमोला पुल के निकट सड़क पर पानी आने के संबंध में जानकारी हैं। जहां तक मुझे पता है हर साल ऐसा नहीं होता। मेरे से पहले रहे अधिकारियों ने प्रस्ताव बनाकर भेजा था। वह किस स्थिति में हैं दिखवाते हैं। फिलहाल हमने सड़क के किनारे पर कंक्रीट वर्क करा दिया है, जिससे सड़क का कटाव न हो ।
राजेश गुप्ता,महाप्रबंधक एनएचएआई ।


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