कर्मचारी आत्महत्या :पढिए क्या चल रहा था वृंदावन के मन में फांसी पर लटकने से पूर्व, DO और दोनों बाबू हुए गायब / SHIVPURI NEWS

शिवपुरी। शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार मुख्य पाठ उभर कर सामने आया हैं। यहां भ्रष्टाचार एक परंपरा बन गया हैं। अब यह भ्रष्टाचार की परंपरा जानलेवा भी होती जा रही हैं। इसी भ्रष्टाचार के कारण शिक्षा विभाग के बाबू वृंदावन शर्मा को फांसी पर लटक अपनी जानदेनी पडी। आत्महत्या जैसे घातक कदम उठाने से पहले मृतक ने 4 पेज का एक पत्र छोडा हैं जिसमें विभाग में भ्रष्टाचार की जड़े कहा तक हैं उसको कलमवद किया हैं।

इस सुसाईड लेटर में अपनी मौत का जिम्मेदार जिला शिक्षा अधिकारी और विभाग के 2 बाबूओ ठहराया हैं। पुलिस अभी जांच कर रही हैं। जिला शिक्षा अधिकारी और आरोप लगे दोनो बाबू कार्यालय नही पहुंचे। तीनो के गायब होने की सूचना नही मिल रही है।

ब्राहम्मण समाज ने इस मामले में ज्ञापन सौपा हैं तो वही भाजपा के दो नेताओ ने अपनी सरकार पर निशाना साधा है। अभी कोई भी कर्मचारी संगठन इस मृतक बाबू को न्याय दिलाने के लिए सडक पर नही आया हैं यह भी एक बडा सवाल बन रहा हैं।

पढिए क्या चल रहा था आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाने से पूर्व बाबू के मन में

यह लिखा सुसाइड नोट में

1 श्रीमान कलेक्टर महोदय जिला शिवपुरी
2 श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय जिला शिवपुरी
विषय- श्री अजय कटियार जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुर अग्रवाल सहायक ग्रेड 2 कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी एवं प्रशांत गुप्ता सहायक ग्रेड तीन कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी के द्वारा प्रार्थी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के संबंध में

महोदय
मैं वृंदावन शर्मा पुत्र स्वर्गीय श्री मनीराम शर्मा उम्र 50 वर्ष निवासी शांति नगर लालचंद का बाड़ा शिवपुरी पद गणक कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय शिवपुरी। श्री अजय कटिहार जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी श्री सचिन अग्रवाल सहायक ग्रेड 2 कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी एवं प्रशांत गुप्ता सहायक ग्रेड 3 कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी के द्वारा निम्न प्रताडऩा के कारण आत्महत्या कर रहा हूं

1 श्री अजय कटियार द्वारा श्रीमान कलेक्टर महोदय जिला शिवपुरी को गलत जानकारी देकर प्रार्थी को दिनांक 23 11 2019 को निलंबित कराया गया। जबकि बैरागी अध्यापक की अपील कलेक्टर कार्यालय न्यायालय में लंबित होने की पूर्ण जानकारी स्वयं श्री अजय कटियार जिला शिक्षा अधिकारी महोदय शिवपुरी को थी । श्री कटियार द्वारा प्रार्थी को झूठे आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जा रहा है।

प्रार्थी को संस्था से निलंबन भत्ते का भुगतान माह मार्च 2020 का 20 अप्रैल को दिया गया अप्रैल 2020 के निलंबन भत्ते का भुगतान 15 मई 2020 के बाद किया गया जबकि संबंधित बाबू से समय पर भुगतान हेतु निवेदन किया गया। श्री कटियार से निरंतर बहाली हेतु मौखिक रूप से निवेदन किया गया तो उसके एवज में पांच लाख रुपए की मांग की गई। प्रार्थी द्वारा कहा गया कि वह एक छोटा कर्मचारी होने के कारण पैसे देने में असमर्थ है तो अन्यथा की स्थिति में आपने प्रार्थी के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कराने की धमकी दी जाती है।

प्रार्थी से दिनांक 29 मई 2020 को कार्यालय के समस्त स्टाफ के समक्ष प्रार्थी को जलील किया गया तथा एफ आई आर दर्ज कराने की धमकी दी जा कर एक आवेदन पत्र लिखवाया गया। जबकि विधि कक्ष का रिकॉर्ड श्री शिव शंकर पटेल कार्यालय सहायक ग्रेड 1 के पास होना प्रार्थी द्वारा बताया गया, लेकिन श्री कटियार द्वारा एफ आई आर की धमकी देकर उक्त निरीक्षण संबंधी अभिलेख प्रार्थी के पास होना लिखा गया।

श्री कटियार द्वारा शासन के आदेश दिनांक 10 मार्च 2016 के अनुक्रम में अनुदानित संस्थाओं का निरीक्षण कराए बिना करीब 10 करोड़ का अनियमित भुगतान कर दिया गया है, जबकि प्रार्थी को 75 प्रतिशत निलंबन भत्ते का भुगतान भी नहीं किया गया।

2– श्री सचिन अग्रवाल द्वारा प्रार्थी को प्रताडि़त किया जा रहा है। इनके द्वारा कण्टनजेन्सी भृत्यों की फाइल प्रार्थी के पास होने हेतु पत्र जारी किया गया जबकि फाइल अग्रवाल के पास है क्योंकि वह आदेश श्री अग्रवाल द्वारा स्थापना कक्ष धारक होने से उनके द्वारा जारी किए गए हैं। अग्रवाल द्वारा वर्ष 2014 में कन्टेजेन्सी भृत्यों को अनियमित रूप से नियमित स्थापना में नियुक्ति किया गया है। इसके द्वारा बिना प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के स्थानांतरण किए गए हैं।

अग्रवाल द्वारा अनुदान शालाओं के कर्मचारियों से वेतन निर्धारण एरियर भुगतान के एवज में 7000 से 10000 की रिश्वत ली गई है। अग्रवाल द्वारा प्रार्थी को निलंबन उपरांत मान्यता का प्रभार न दिए जाने का आरोप आरोपपत्र में जानबूझकर प्रार्थी पर लगवाया गया है। जबकि अग्रवाल दिनांक 4 फरवरी 2019 से 23 नवंबर 2019 तक निरंतर मान्यता कक्ष का कार्य कर रहे हैं। इस अवधि में इनके द्वारा कोई मान्यता का चार्ज देने हेतु कभी किसी भी डीईओ को नही कहा गया।

3- श्री प्रशांत गुप्ता द्वारा हमेशा यह प्रयास किया जाता रहा है कि प्रार्थी किसी भी स्थिति में निलंबन से बहाल ना हो सके श्री प्रशांत गुप्ता द्वारा श्री सचिन अग्रवाल द्वारा एवं श्री अजय कटियार को गुमराह कर प्रार्थी पर निलंबन के गलत आरोप लगवाए गए हैं जबकि निलंबन आदेश में उल्लेखित कारणों के विपरीत आरोप लगाए गए हैं।

श्री गुप्ता शिकायत निरीक्षण कक्ष के प्रभारी हैं इनके द्वारा श्री कटियार जी की पदस्थी दिनांक से करीब डेढ़ सौ शिक्षकों को निलंबित किया गया है, उनसे बहाली के एवज में प्रत्येक से पचास पचास हजार रुपए लिए गए हैं ऐसे शिक्षकों को मनमाफि क जगह पदस्थ किया गया है और कलेक्टर को गुमराह किया जाता है।

श्री अजय कटियार द्वारा जिले के शिक्षकों से जीपीएफ स्वीकृति के एवज में डेढ़ प्रतिशत की राशि रिश्वत में ली जाती है।
अत: निवेदन है कि प्रार्थी के द्वारा आत्महत्या उक्त तीनों लोगों के द्वारा प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से प्रताड़ित करने के कारण की जा रही है। जिसके लिए वह तीनों दोषी हैं। प्रार्थी के परिवार के किसी सदस्य को परेशान न किया जाए। श्री अजय कटियार जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवपुरी श्री सचिन अग्रवाल सहायक ग्रेड 2 कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी एवं श्री प्रशांत गुप्ता सहायक ग्रेड 3 कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी पूर्णता आत्महत्या करने हेतु दोषी हैं।

इनको गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद इन्हें कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी से अन्यत्र पदस्थ कर पूर्ण तथ्यों की जांच की जाए अन्यथा यह साक्ष्य समाप्त करेंगे। यह आत्महत्या नोट माननीय न्यायालय में साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत किया जाए।

बेटा सोनू आप परिवार का भार आपके ऊपर छोड़ कर जा रहा हूं मेरी पत्नी श्रीमती सुमन शर्मा मैं तेरा साथ नहीं दे सका बेटी जया आयुषी उनका ख्याल रखना पढ़ाई कराना बेटा सोनू दोषियों को सजा दिलवाना।


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