जावर- गणतंत्र दिवस के गरिमामय राष्ट्रीय पर्व समारोह में मंचासीन अतिथियों द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी सुश्री सुरेखा जाटव का जावर नगर में स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 तथा 1 स्टार शहर रेटिंग हेतु किए जा रहे प्रशंसनीय कार्य हेतु शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया उनके द्वारा जावर शहर को ओ डी एफ प्लस घोषित करवाने में जो महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं, उल्लेखनीय है तथा स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूकता के लिए उनके द्वारा अनेक कार्य में किए जा रहे हैं परिणाम स्वरूप नागरिकों में स्वच्छता के प्रति सोच का विकास हुआ है वही भरपूर सहयोग नागरिकों का मिल रहा है जनप्रतिनिधियों पत्रकार जनों ने उन्हें बधाई देते हुए प्रसन्नता की है मुख्य नगरपालिका अधिकारी सुश्री सुरेखा जाटव ने सम्मान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान मेरा नहीं अपितु उन सभी नागरिकों का है जिन्होंने हर कदम पर साथ दिया है पत्रकारों जनप्रतिनिधियों का ही जिन्होंने अच्छे कार्यों की हमेशा सराहना की है विदेशी सभी की कृतज्ञता व्यक्त करती हूं
एक ब्राह्मण जब बागी हो जाता है तो वो चाणक्य भी बन सकता है और लुक्का डाकू भी। लोकमन दीक्षित अंग्रेजों और जमींदोरों के जुल्म के खिलाफ डाकू मानसिंह के गिरोह में शामिल हो गया था। चंबल में यह डाकुओं की पहली पीढ़ी थी। आजादी से पहले इस डाकू गिरोह ने कई अंग्रेज अफसरों और जमीदारों को लूटा। जब देश को आजादी मिली तो इस गिरोह ने भी खूब जश्न मनाया। उम्मीद थी कि अब न्याय मिलेगा लेकिन आजादी के बाद भी सरकार ने इन बागियों को डाकू ही माना। अत: गिरोह चलता रहा। 1955 ई. में डकैत मान सिंह की मौत के बाद लोकमन दीक्षित उर्फ लुक्का को गैंग का मुखिया बनाया गया। कहा ऐसा जाता है कि जब मान सिंह लगातार बीमार रहने लगे और स्वास्थ्य से कमजोर हो गए, तभी लुक्का को जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। लुक्का ने यह जिम्मेदारी उठाई और आतंक का दूसरा पर्याय बन गया। इसके बावजूद वह आत्मसमर्पण को कैसे तैयार हो गया, यह एक बड़ा सवाल है। इसके पीछे का कारण बहुत ही रोचक है। कैसे हुआ हृदय परिवर्तन दरअसल, जब वह चारों तरफ आतंक फैला रहा था, तभी एक दिन उसकी भिड़ंत एक रिक्शे वाले से हो गई। रिक्शे वाले ने उसे टक्कर मार दी। इसके बाद वह उतरक