पहले घोषित अपात्र सोसायटी वापस चालू होने असमंजस की स्थिति बनी

सिवनी मालवा। गेहूं खरीदी में खरीदी केंद्रो और सोसायटियों के अपात्र होने ना होने और फिर से चालू होने की कवायदों के बीच सिवनी मालवा में गेहूं खरीदी अभी तक ढंग से शुरू नहीं हो पाई है। अब खरीदी 1 अप्रेल से शुरू होने की संभावना है लेकिन इससे खरीदी लगभग 7 दिन पिछड़ गई।

समर्थन मूल्य में गेहूं खरीदी को लेकर प्रशासन अभी तक अपनी तैयारियां पूरी नहीं कर पाया है। जहां पहले खरीदी 24 मार्च से शुरू होना थी लेकिन 28 मार्च बीत जाने के बाद भी व्यवस्थित रूप से खरीदी शुरू नहीं हो पाई है। अब 1 अप्रेल से खरीदी शुरू होने की बात कही जा रही है। ऐसे में खरीदी को लेकर किसान भी असमंजस की स्थिति में आ गया है। हालांकि सोसायटियों को लेकर पहले बनाई गई गाइडलाइन के कारण यह पूरी स्थिति निर्मित हुई है। जहां पहले कुछ सोसायटियों को अपात्र बताया गया था अौर खरीदी से वंचित कर दिया गया। लेकिन जब खरीदी को लेकर किसानों की समस्याएं सामने आई, तो वहीं मेपिंग ठीक नहीं होने से कई किसानों को पास के खरीदी केंद्र छोड़ दूर वाले खरीदी केंद्र से जोड़ा गया तो फिर वापस सभी सोसायटियों से समर्थन मूल्य में खरीदी केंद्र शुरू करवाए जाने की बात सामने आई है। जिसमें अब 20 नए खरीदी केंद्र शुरू होने की बात कही जा रही है लेकिन किन गांवों को इन खरीदी केंद्रो से जोड़ा जाएगा और किन समितियों से गांव जुड़ेगें यह भी पता नहीं है।

मेपिंग की गलती या फीडिंग की?

खरीदी केंद्राे की मेपिंग को लेकर भी गड़बड़ी को लेकर भी खरीदी केंदों में दूरी का मुद्दा बना। कहा जा रहा है कि मैपिंग तो ठीक की गई थी लेिकन जब जिले से फीडिंग हुई तो उसमें लापरवाही बरती गई। जिसके कारण कई गांवों को पास के खरीदी केंद्र की बजाए दूर वाले खरीदी केंद्रों से जोड़ दिया गया। हालांकि अब स्थिति सुधर गई है, और पुराने खरीदी केंद्र भी फिर से शुरू होने वाले है। हालांकि इस पूरी कवायद में गेहूं खरीदी में शासन लगभग 7 दिन पिछड़ गया।

केंद्रो से दूरी से किसानों को हो रही थी समस्याएं

समर्थन मूल्य पर गेहूं - चना खरीदी को लेकर बनाए गए केंद्रो की गांव से दूरी को लेकर किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। जिसको लेकर किसानों ने तहसील कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन के माध्यम से अपनी समस्याओं को अधिकारियों के सामने रखा। किसानों का कहना था कि कुछ गांव के खरीदी केंद्र गांव से काफी दूर बना दिए गए है, जिसके कारण किसान को खरीदी केंद्र तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही समर्थन मूल्य पर बने खरीदी केंद्र की  दूरी अधिक होने के कारण किसानों पर आर्थिक भार भी पड़ेगा। ऐसे में किसानों को दोहरी मार पड़ सकती है। कुछ गांव के किसानों ने बताया कि पहले गांव के पास की सोसायटी में ही गेहूं खरीदी हो जाती थी, जिससे सुविधा होती थी और आने जाने में भी बचत होती थी। लेकिन इस बार खरीदी केंद्र दूर होने से परेशानी का सामना करना पड़ेगा। किसानों की समस्याओं को स्थानीय अधिकारियों द्वारा जिले मुख्यालय पर बैठे अधिकारियों को सूचित किया। जिसके बाद किसानों की समस्याओं के समाधान करने के प्रयास शुरू किए गए।

24 मार्च से शुरू होना थी खरीदी

24 मार्च से शुरू होने वाली गेहूं खरीदी 28 मार्च तक शुरू नहीं हो पाई है। सूत्रों के अनुसार अब खरीदी 1 अप्रेल से शुरू होने की संभावनाएं जताई जा रही है। अभी तक खरीदी शुरू नहीं होने का कारण पहले तो कुछ सोसायटियों को अपात्र बताते हुए खरीदी केंद्र बनाने से वंचित रखना रहा। जिसके बाद उन सोसायटियों से जुड़े किसानों को अन्य सोसायटियों में समायोजित किया गया। जिसको लेकर वाद विवाद की स्थिति निर्मित होने की आशंकाएं जताई जाने लगी। साथ ही किसानों ने अपनी समस्याएं भी अधिकारियों के सामने रखी। जिसके बाद अब फिर से सभी जगह गेहूं खरीदी शुरू करने के निर्देश वरिष्ठ कार्यालय से मिल गए है। लेकिन जिन गांवों को अन्य सोसायटियों में समायोजित किया गया था, उनको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने को लेकर समिति प्रबंधक अभी तक पशोपेश में है। असमंजस की स्थिति यह है कि यह ही तय नहीं हो पा रहा कि खरीदी कौन करेगा? या फिर वारदानें पर होने वाली टेिगंग कहा की करना है? ऐसे में सभी को अभी स्पष्ट निर्देश प्राप्त होने का इंतजार है।