किसान अपनी उपज लेकर इंदौर नहीं आएगा

INDORE: किसान संगठन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक बार फिर हड़ताल पर जा रहे हैं। आंदोलन के दौरान कोई भी किसान अपनी उपज लेकर शहर नहीं आएगा, न कोई समान शहर से खरीदेगा। यदि शहर के किसी भी व्यक्ति को फल, सब्जी, दूध, अनाज चाहिए तो गांव आना होगा। गांव की चौपाल पर ही हम बाजार लगाएंगे। वहां भाव हम तय करेंगे। 

ये बात राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा (काकाजी) ने शनिवार को प्रेस क्लब सभागृह में गांव बंद अभियान की रूपरेखा रखते हुए कही। उन्होंने कहा इस बार हड़ताल व्यापक स्तर पर होगी। 22 राज्यों के 130 संगठनों ने इसका समर्थन किया है। 1 से 10 जून तक देशव्यापी गांव बंद के दौरान किसान अपने घर पर ही रहेंगे। कोई भी किसान फसल बेचने शहर नहीं आएगा और न शहर से कोई वस्तु खरीदेगा।

हालांकि किसी किसान का चना, मसूर, सरसों जो सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद रही, यदि उसे 31 मई तक नहीं खरीद पाती है और उसके बाद तुलाई के लिए एसएमएस आता है, तो वह अपनी फसल तुलवाने हड़ताल के दौरान भी केंद्र पर जा सकता है। यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा। अभियान के दौरान कई कार्यक्रम होंगे। इसमें 5 जून को धिक्कार दिवस, 6 को शहादत दिवस, 8 को सहयोग दिवस और 10 जून को भारत बंद दिवस मनाएंगे।

मंदसौर में किसानों की हत्या करने वालों पर हो एफआईआर
ककाजी ने कहा प्रदेश सरकार मंदसौर गोलीकांड में किसानों की हत्या करने वाले पुलिसकर्मियों व अन्य आरोपितों पर एफआईआर दर्ज करे। इसमें शामिल अधिकारियों को बचाया जा रहा है। फरवरी में गठित समिति का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इसके बावजूद जांच रिपोर्ट नहीं आई है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार चाहती है रिपोर्ट चुनाव बाद आए।

मंडी एक्ट 1972 का उलंघन
मंडी एक्ट 1972 के अनुसार किसान अपनी फसल समर्थन मूल्य से नीचे नहीं बेच सकता, लेकिन भावांतर में फसल समर्थन मूल्य से कम भाव में बिक रही है। यह योजना किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। सरकार ने जो भी फसल इस योजना में शामिल की, उसका बाजार में भाव ही नहीं मिल रहा है। भावांतर से किसानों के बजाए व्यापारियों को फायदा हो रहा है।

किसानों की है ये मांगें
देशभर के किसान मांग कर रहे हैं कि उनका पूरा ऋण माफ हो।
फसलों की लागत के आधार पर सरकार डेढ़ गुना दाम समर्थन मूल्य पर तय करे।
55 वर्ष के बाद किसानों को पेंशन दी जाए।
फल-सब्जी व दूध लागत से डेढ़ गुना मूल्य पर बिके।
मंदसौर गोलीकांड में जिम्मेदार अधिकारियों पर केस दर्ज हो।
मंडियों के चुनाव पांच वर्ष में कराए जाएं।
प्याज, लहसून को भावांतर से बाहर कर डेढ़ गुणा लाभकारी मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की जाए।