पश्चिम मध्य रेलवे का केन्द्रीय अस्पताल इलाज और सुविधा को लेकर भगवान बचाये

JABALPUR: पश्चिम मध्य रेलवे का केन्द्रीय अस्पताल इन दिनों अपने इलाज और सुविधा को लेकर सुर्खियों में है। यहां पर आने वाले मरीजों को इलाज मिलना तो दूर बल्कि रेल अस्पताल के डॉक्टर उसकी बीमारी का भी सही तरीके से पता नहीं लगा पा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें सोमवार को अचानक बेहोश हुए कर्मचारी को जैसे ही अस्पताल में भर्ती किया तो वहां तैनात स्टाफ और डॉक्टर ने बेहोश होने का कारण लू लगना बताया और इलाज शुरू कर दिया। 2 घंटे बाद तक मरीज को देखने वरिष्ठ डॉक्टर पहुंचे और रिपोर्ट देखी तो पता चला कि उसे दिल का दौरा पड़ा है। आनन-फानन में मरीज को रेल अस्पताल से रैफर कर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां देर रात उसकी मौत हो गई।   

जानकारी के मुताबिक जिस कर्मचारी की मौत हुई उसका नाम रमेश गिरी था और वह डीआरएम कार्यालय में डॉक मैसेंजर के तौर पर काम करता था। वह डाक लेकर पमरे के विजिलेंस ऑफिस गया था, जहां वह अचानक बेहोश हो गया।

यूनियनों ने किया विरोध -
मरीज की मौत के बाद रेल कर्मचारी यूनियन और कर्मचारियों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और शिकायत लेकर मंगलवार को डीआरएम के पास पहुंच गए। उन्होंने डीआरएम मनोज सिंह ने रेल अस्पताल की व्यवस्था और डॉक्टर्स द्वारा की जा रही लापरवाही की शिकायत की। एम्पलाइज यूनियन के मंडल सचिव ने कहा कि केन्द्रीय अस्पताल में कर्मचारियों का इलाज भगवान भरोसे चल रहा है। चिकित्सक बीमारी का पता तक नहीं लगा पाते। अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने बताया कि अस्पताल में अव्यवस्थाएं बढ़ गई हैं।

होगा उग्र आंदोलन -
मजदूर संघ के मंडल सचिव डीपी अग्रवाल और संघ के लोग डीआरएम ने मिले। इस दौरान अस्पताल के एमडी और सीएमएस भी मौजूद रहे। अग्रवाल ने डीआरएम ने कहा कि अस्पताल में इन दिनों पलंग बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है न ही सुविधा और बेहतर इलाज देने में। यदि अस्पताल के पास स्टाफ की कमी है तो मरीजों को निजी अस्पताल में जल्द से जल्द रिफर किया जाए। अस्पताल में लगातार हो रही लापरवाही को देखते ही यूनियनों ने डीआरएम से ज्वाइंट कमेटी बनाकर इसकी जांच करने की मांग रखी।