खरीदी केन्द्र की दूरी अधिक होने का फायदा उठा रहे बिचौलिए

JABALPUR: कूम्ही क्षेत्र के अंतर्गत कई गांवों से गेहूं खरीदी केन्द्र की दूरी अधिक होने का फायदा बिचौलिए उठा रहे हैं। वे इन गांवों के किसानों से समर्थन मूल्य से काफी कम दामों पर गेहूं की खरीदी कर समर्थन मूल्य पर बेचकर खासा लाभ कमा रहे हैं। यह समस्या मुख्य रूप से सीमांत किसानों की है।

सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 1735 रुपए प्रति क्विंटल और 200 रुपए प्रति क्विंटल बोनस पर की जा रही है। बताया गया है कि कूम्ही क्षेत्र के ग्राम देवरी, लमतरा, कचनारी, पड़रिया, महगवां, कुकर्रा, हरदी की दूरी गेहूं खरीदी केन्द्र से करीब 10-12 किलो मीटर दूर है। यहां गेहूं ले जाने के लिए किसानों को साधन नहीं मिल पाते। मिलते भी हैं तो उनका भाड़ा इतना अधिक होता है कि किसानों द्वारा उसे चुकाना मुश्किल होता है। किसानों की इसी कमजोरी का लाभ उठाने यहां के व्यापारी अपने वाहन लेकर जाते हैं और औने-पौने दामों पर किसानों से गेहूं खरीद रहे हैं। बताया गया है कि ये व्यापारी 1400 से 1500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीदी कर रहे हैं। इतना ही नहीं ये बिचौलिए किसानों से प्रति क्विंटल दो किलो अनाज अतिरिक्त लेकर किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल का चूना लगा रहे हैं।

खरीदी केन्द्रों में है मिलीभगत
छोटे किसानों से कम दामों पर गेहूं खरीदने वाले इन बिचौलियों की खरीदी केन्द्रों में मिली भगत है। ऐसे बहुत से किसान हैं जिनके पास बड़े-बड़े रकवे तो हैं लेकिन वे स्वयं खेती नहीं करते। ये बिचौलिए ऐसे किसानों की ऋण पुस्तिका (बही) लेकर उनके नाम से खरीदी केन्द्रों में गेहूं बेच रहे हैं। किसान से बचाए गए 500 रुपए क्विंटल की रकम की यहां बंदर बांट होती है। ये बिचौलिए आसपास के खरीदी केन्द्र खिरहनी, खितौला, फनवानी में गेहूं की बिक्री कर रहे हैं।

कूम्ही से 12 किमी दूर है खिरहनी खरीदी केन्द्र
कूम्ही क्षेत्र के ग्राम देवरी, लमतरा, कचनारी, पड़रिया, महगवां, कुकर्रा, हरदी से खिरहनी खरीदी केन्द्र की दूरी करीब 12 किलोमीटर है। छोटे किसान यहां अपनी उपज नहीं पहुंचा पाते हैं।

ये भी है समस्या
किसानों ने बताया कि समस्या सिर्फ दूरी की नहीं है। यदि यहां किसान किसी तरह अपनी उपज लेकर खिरहनी केन्द्र पहुंच भी जाते हैं तो नियत समय पर उनके गेहूं की तौल नहीं कराई जाती। अलग-अलग किस्म की समस्याएं बताकर किसानों को इतना परेशान कर दिया जाता है उसे देखकर अन्य किसान अपनी उपज यहां ले जाकर बेचने का साहस नहीं कर पाते।

क्या है समस्या का हल
ग्रामीणों का कहना है कि बिचौलियों के चंगुल से बचाने का यही उपाय है कि कम दूरी पर छोटे-छोटे खरीदी केन्द्र बनाए जाएं जिससे किसान अपनी उपज लेकर आसानी से पहुंच सकें।