MP को 06 नए राष्ट्रीय राजमार्गों का बड़ा तोहफा: कनेक्टिविटी और विकास में ऐतिहासिक छलांग

- राजेश जयंत / 
मध्य प्रदेश की तकदीर संवारी जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और राज्य सरकार ने मिलकर प्रदेश में 6 नए राष्ट्रीय राजमार्गों को  मंज़ूरी दे दी है। इस ऐतिहासिक फैसले से प्रदेश में सिर्फ यातायात ही नहीं बल्कि चौतरफा औद्योगिक विकास, व्यापार, निवेश और नए रोजगार के द्वार खुलेंगे। आने वाले वर्षों में मध्य प्रदेश का हर जिला, कस्बा और गाँव देश के बड़े शहरी व औद्योगिक केंद्रों से रॉकेट स्पीड से जुड़ जाएगा। इसी के साथ, एमपी "हार्ट ऑफ इंडिया" के रूप में अपनी पहचान को और मजबूत करने जा रहा है।

तेज़ फैसले, स्पष्ट प्लानिंग और बेहतर समन्वय की वजह से कुल करीब 670 किमी लंबे 6 हाईवे प्रोजेक्ट्स का निर्माण शुरू होने जा रहा है। इन पर तकरीबन ₹17,810 करोड़ की लागत आएगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा मंजूरी मिलते ही भूमि पूजन और कागज़ी काम पूरे होते ही सड़क मशीनें पटरी पर उतर चुकी हैं।  

राज्य सरकार ने बताया कि सिर्फ यात्रा को आसान बनाने तक यह योजनाएं नहीं रुकेंगी; बल्कि प्रदेश के औद्योगिक, कृषि, व्यापार, टूरिज़्म और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को नई ऊर्जा मिलेगी। बड़े-बड़े कारोबारी शहरों को छोटे गांवों-कस्बों, जिला मुख्यालयों और दूसरे राज्यों की सीमाओं से तेज़ और सुरक्षित जोड़ा जाएगा। यह नेटवर्क आने वाले सालों में नए उद्योग, बड़ी कंपनियां, और किसान-व्यापारियों के लिए संजीवनी साबित होगा।

6 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स की सूची व खासियतें:
1. बदनावर-पेटलावद-थांदला फोरलेन हाईवे  
   - लंबाई: 80 किमी  
   - लागत: ₹1,500 करोड़  
   - लाभ: पश्चिमी जिलों में नई फैक्ट्रियों व ट्रांसपोर्ट-लॉजिस्टिक्स की क्रांति

2. उज्जैन-झालावाड़ फोरलेन हाईवे  
   - लंबाई: 134 किमी  
   - लागत: ₹2,200 करोड़  
   - लाभ: मध्य प्रदेश-राजस्थान के बड़े धार्मिक, औद्योगिक केंद्रों को सीधा फायदा

3. पूर्वी इंदौर बायपास  
   - लंबाई: 77 किमी  
   - लागत: ₹3,500 करोड़  
   - लाभ: इंदौर में ट्रैफिक डाइवर्जन, लॉजिस्टिक्स हब, कंपनियों को सुगमता

4. ग्वालियर–भिंड फोरलेन हाईवे  
   - लंबाई: 96 किमी  
   - लागत: ₹3,125 करोड़  
   - लाभ: बुंदेलखंड-चंबल के व्यापार व आम नागरिकों के लिए नई रफ्तार

5. सतना–चित्रकूट फोरलेन हाईवे  
   - लंबाई: 80 किमी  
   - लागत: ₹1,500 करोड़  
   - लाभ: तीर्थाटन, उद्योग, व्यापार, मप्र व यूपी की कड़ी

6. लखनादौन-रायपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे  
   - लंबाई: 200 किमी  
   - लागत: ₹5,985 करोड़  
   - लाभ: एमपी-छत्तीसगढ़ का सबसे तेज़ कॉरिडोर, भविष्य के निवेश का बेस

महत्वपूर्ण बिंदु एवं असर:  
- कुल लागत: ₹17,810 करोड़ | कुल लंबाई: लगभग 670 किमी  
- चौतरफा औद्योगिक/कृषि/खुदरा विकास, नए-पुराने उद्योगों को सीधा लाभ  
- लाखों स्किल्ड-अनस्किल्ड लोगों के लिए रोजगार के मौके  
- तेज़ ट्रैफिक, सुरक्षित, पर्यावरण-फ्रेंडली व न्यूनतम ट्रांसपोर्ट लागत  
- नए टूरिज़्म स्पॉट्स, व्यापारिक हब, गांव से शहर तक समग्र प्रगति  
- आर-पार लॉजिस्टिक्स, बिजनेस कॉरिडोर, ग्रामीण और शहरी इलाकों की कनेक्टिविटी में क्रांति  
- मध्य प्रदेश इस दशक में सबसे अधिक फोर-लेन नेशनल हाईवे मंजूर कराने वाला राज्य बना  
- भविष्य में नर्मदा एक्सप्रेसवे जैसे मेगा प्रोजेक्ट इन हाईवेज़ की ताकत कई गुना बढ़ाएंगे

निष्कर्ष:  
इन 6 बड़े हाईवे प्रोजेक्ट्स से मध्य प्रदेश न सिर्फ भूगोल पर, बल्कि आर्थिक ताकत, निवेश, रोज़गार, लाइफस्टाइल, टूरिज़्म और व्यापार के हर सेक्टर में नई ऊंचाई छुएगा। अब एमपी में रहना सिर्फ बेहतर नहीं, बल्कि सबसे आगे रहने का अहसास देगा।  
यह कदम प्रदेश के लोगों के लिए उम्मीद, संभावनाओं और प्रगति की नई कहानी लेकर आया है—अब एमपी विकास के सुपर हाईवे पर दौड़ने को तैयार है।