भोपाल। जनजातीय हमारा बंधु है, हम उसकी मदद के लिये खड़े रहेें। यह कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का। वह वनवासी कल्याण परिषद द्वारा आयोजित कौशल प्रशिक्षण केंद्र के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। इनके साथ ही राष्ट्रीय जनजातीय आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान, कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय महामंत्री योगेश बापट और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के शशि चौधरी प्रमुख रूप से मौजूद थे।
भवन के लोकार्पण से पहले बतौर मुख्य अतिथि अपने उद्बोधन मेें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने समाज के प्रति वनवासी कल्याण परिषद के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस देश की संस्कृति प्रवाह में अन्य समुदायों के मुकाबले जनजातीय समुदाय का योगदान कमतर नहीं आंका जाना चाहिये। समाज के लोगों ने इस मंच के माध्यम से आह्वान किया कि सभी भाई-बंधु मानकर जनजातीय समुदाय के लोगों की आवाज बनें और इनके स्वाभिमान और स्वावलंबन के आधार पर भारत को परम वैभव तक पहुंचाने के लक्ष्य को साकार करने में सहयोगी बनें।
कार्यक्रम के पहले यहां जनजातीय नायकों की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही। इस अवसर पर वनवासी कल्याण परिषद के अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा, क्षेत्र संघ चालक अशोक सोहनी, प्रान्त संघ चालक अशोक जी पांडेय, क्षेत्र प्रचारक दीपक विसपुते, क्षेत्र संगठन मंत्री प्रवीण जी डोलके, महामंत्री योगीराज परते के साथ ही प्रांत संगठन मंत्री तिलकराज दांगी, प्रमुख रूप से मौजूद थे। इनके साथ सांसद खरगोन गजेंद्र सिंह पटेल व सांसद दुर्गादास उइके और भोपाल नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी उपस्थित थे। बता दें कि इस चार मंजिला भवन के लोकार्पित होने के बाद जहां प्रदेश के दूर-दराज से आए युवाओं के विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण का मार्ग प्रशस्त होगा, बल्कि यह स्थान कौशल केंद्र के रूप में स्थापित होगा। यहां पर में करीब 50 छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। जबकि 30 से अधिक प्रशिक्षणार्थियों के नियमित रूप से रहने की व्यवस्था भी यहां की गई है।
कुचक्रों को विफल करने में सहयोगी बने समाज
वनवासी कल्याण परिषद के सामाजिक योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समाज के लोगों का आह्वान किया है कि वह कुचक्रों को विफल करने में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जनजातियों को अलग करने के लिये कुचक्र रचे गए हैं। इसमें पेसा एक्ट भी है। सरकार के माध्यम से इसे जमीन में क्रियांवित करने के लिये वनवासी कल्याण परिषद इसमें सहयोगी बन सकता है। इस दौरान धर्मांतरण को रोकनें के लिये कानून बनाए जाने की जरूरत भी उन्होंने बताई है। सरकार द्वारा जनजातीय समाज के विकास और उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते चुनातियों की ओर भी मौजूद लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया। साथ ही इंडियन ऑयल और समाज का आह्वान किया कि वह धर्मान्तरण, पेसा कानून, कौशल विकास और कोचिंग के क्षेत्र में सहयोग प्रदान करें।
किसने क्या कहा
अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्ष चौहान ने कहा कि कल्याण आश्रम वनवासी क्षेत्र में काम करने वाला यह अनूठा प्रकल्प है। समान के प्रोग्रेसिव परफॉरमेंश के साथ सर्वांगीण विकास की ओर हम बढ़ रहे हैं। इस भवन से जनजातीय समाज को लेकर नगरीय क्षेत्र की लोगों की धारणाओं को बदलने में भी मददगार होगा। जनजातीय प्रदर्शनी के कारण अकादमिक क्षेत्र के लोग जनजातीय शोध केंद्र की स्थापना की ओर बढ़ रहे है। कौशल विकास केंद्र आजीविका बढ़ाने व चयन में मददगार बनेगा। कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय महामंत्री योगेश बापट ने कल्याण आश्रम के स्व.ओम प्रकाश अग्गी और स्व गोपाल जी ऐवतीकर व स्व. प्रकाश काले को याद किया और आशा जताई कि यह विशिष्ट बनेगा। वहीं इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के शशि चौधरी ने कहा कि सीएसआर से 3.3 करोड़ की सहायता दीं गई है। उम्मीद जताई कि आगे भी वह देश के विकास में सहयोगी बनें रहेंगे।
आकर्षण का केंद्र रही जनजातीय नायकों की प्रदर्शनी
लोकर्पण समारोह से पहले यहां लगाई जनजातीय नायकों की प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। इसका शुभारंभ जनजातीय आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्ष चौहान ने किया। इसमें भगवान बिरसा मुंडा, टंट्या मामा, रानी दुर्गावती और कमलापति के साथ ही शंकरशाह और रघुनाथशाह के चित्र प्रमुख रूप से शामिल किये गए थे। इसके पहले धार के जनजातीय कालाकारों के नृत्य व संगीत के बीच कार्यालय परिसर में टंट्या मामा की प्रतिमा का अनावरण भी किया। वहीं समारोह में वृत्तचित्त के माध्यम से वनवासी कल्याण परिषद के कार्यों को आम जन मानस के बीच रखा गया।