राजस्थान के पूर्व मंत्री और प्रमुख नेता पं. भंवरलाल शर्मा नहीं रहे- NATIONAL NEWS

प्रदीप द्विवेदी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- सरदारशहर (चूरू) से कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं। काफी समय से वो अस्वस्थ चल रहे थे, उनके स्वास्थ्य को लेकर मैं उनके परिवारजनों के सम्पर्क में था। कल रात एसएमएस अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों से जानकारी ली और परिवार से मुलाकात की थी। ईश्वर से प्रार्थना है शोकाकुल परिजनों को इस बेहद कठिन समय में सम्बल प्रदान करें एवं दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

आलॅ इंडिया ब्राह्मण फेडरेशन के संरक्षक, राजस्थान ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष, राजस्थान के पूर्व मंत्री पंडित भंवरलाल शर्मा, देश के प्रमुख ब्राह्मण रहे, लेकिन सभी वर्गों को साथ लेकर चलना उनकी विशेषता रही। वे सात बार एमएलए रहे। 17 अप्रैल 1945 को सरदारशहर में सेवगराम और श्रीमती पार्वती देवी के घर जन्मे भंवरलाल शर्मा राजस्थान की राजनीति के शिखर पुरुष रहे हैं। पंडित शर्मा ने निर्भिकता, साहस, स्पष्टवादिता और नेतृत्व क्षमता का परिचय बचपन से ही देना शुरू कर दिया था। उनके पिता राजनीति हेतु प्रेरित करने और श्रेष्ठ राजनीति का पाठ पढ़ाने वाले प्रथम प्रेरक बने।

पं. शर्मा ने अपने सियासी सफर की शुरुआत अपनी मायड़ भूमि एवं जन्म स्थान सरदारशहर के गांव जैतसीसर से की। वर्ष 1962 में युवा भंवरलाल ग्राम पंचायत जैतसीसर के सरपंच बने और 1962 से 1982 तक सरपंच रहे. वर्ष 1982 में वे सरदारशहर पंचायत समिति के प्रधान निर्वाचित हुए।

वर्ष 1985 में लोकदल से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और अच्छे अंतर से चुनाव में विजयी हुए। वर्ष 1990 में उन्होंने दूसरा विधानसभा चुनाव लड़ा और अपने निकटतम प्रत्याशी से 7477 मतों से यह चुनाव जीत लिया. विधानसभा में उनकी प्रभावी उपस्थिति ने उनका सियासी कद बढ़ाया और वे मंत्रिमंडल में मंत्री बने और उन्हें इंदिरा गांधी नहर परियोजना मंत्री बनाया गया।

अपने सियासी सफर में वे अनेक बड़े नेताओं के संपर्क में आए, जनसेवा के कार्य किए और राट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई, लेकिन न जीत पर गुमान किया और न ही हारने पर निराश हो कर घर बैठे।विधानसभा चुनाव 2013 में भाजपा की लहर के बावजूद राजस्थान में जीतने वाले कांग्रेस के इक्कीस उम्मीदवारों में पं भंवरलाल शर्मा भी थे।