मप्र बजट: आपदा में अवसर, कर्मचारियों की तोड़ी कमर

भोपाल
। मप्र के बजट से कर्मचारियों को खाली हाथ रखा गया है, महज नाममात्र की राहत दी गई है। कर्मचारी नेता कन्हैयालाल लक्षकार ने बजट प्रतिक्रिया में बताया कि प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के चलते डीए, डीआर, एरियर, वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने के आदेश धारावाहिक के समान जारी कर अरबों रुपये का झटका कर्मचारियों को दिया है। 

सरकार ने आपदा में अवसर का लाभ उठाते हुए कर्मचारियों के स्वत्वों को रोककर बीस फीसदी तक कम वेतन पर रोककर कर्मचारी कल्याण को अनदेखा किया है। आग झरती चौतरफा महंगाई में बजट से राहत की उम्मीद थी। इसपर पानी फिरने से कर्मचारियों में भारी नाराजगी व आक्रोश व्याप्त हैं; इसकी परिणति आंदोलन के रूप में सामने आयेगी। चालू बजट सत्र में बहस के दौरान सरकार को कर्मचारियों के लिए आर्थिक राहत का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। 

कर्मचारियों को रीढ़ की हड्डी मानने व पाई-पाई चुकाने वाली सरकार से बजटीय उपेक्षा अनपेक्षित थी। मुख्यमंत्री माननीय श्रीमान शिवराजसिंह जी चौहान एवं वित्त मंत्री माननीय श्रीमान जगदीश जी देवड़ा से निवेदन है कि अपने तंत्र को आर्थिक बदहाली से उबारने के लिए डीए, डीआर, वार्षिक वेतनवृध्दि देय एरियर सहित समस्त स्वत्वों के भुगतान का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।