इंदौर। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महाराजा यशवंतराव अस्पताल (MY HOSPITAL) में एक बार फिर शवों के साथ अमानवीयता का मामला सामने आया है। तीन रोज पहले स्ट्रेचर पर पड़ा हुआ एक शब्द कंकाल बन गया था, आज 5 दिन से फ्रीजर में रखा हुआ नवजात का शव मिला है।
प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी एमवाय हॉस्पिटल में जहां पहले मॉर्चरी रूम में स्ट्रेचर पर रखे एक शव के कंकाल में तब्दील होने के बाद मानवाधिकार आयोग ने इंदौर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय के अधीक्षक को इस मामले में 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है। ये मामला अभी जांच में है। उसके बाद गुरुवार को फिर एक नवजात बच्चे का शव पिछले पांच दिनों से हॉस्पिटल की मॉर्चरी के फ्रीजर में रखा है।
इस मामले में जिम्मेदार बच्चे के शव को रखकर भूल गए और अभी तक उसका पोस्टमॉर्टम भी नहीं हुआ जबकि 24 घंटे में पोस्टमॉर्टम हो जाना था। बच्चे के शव का वीडियो वायरल होने के बाद हॉस्पिटल में जैसे हड़कंप सा मच गया। वहीं, हॉस्पिटल के जिम्मेदारों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है।
इस पूरे मामले में इंदौर कमिश्नर के निर्देश पर SIT की टीम ने एमवाय अस्पताल और मॉर्चरी रूम का दौरा किया। असिस्टेंट कमिश्नर रजनीश सिंह, एसडीएम आलोक खरे, नोडल अधिकारी अमित मालाकार, एमवाय के कर्मचारियों से की पूछताछ के बाद मीडिया से बात करते हुए असिस्टेंट कमिश्नर रजनी सिंह ने कहा कि 3 माह के नवजात शिशु का स्टाफ की लापरवाही के चलते पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया।
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