शिवपुरी। कोरोना संक्रमण के कारण अन्य त्यौहारों की तरह जैन समाज का लोकोत्तर त्यौहार पर्युषण पर्व में भी इन दिनों घरों में रहकर मनाया जा रहा है। घर मंदिर और स्थानक बने हुए हैं तथा कोरोना संक्रमण भी पर्युषण पर्व मनाने के उत्साह को कम नहीं कर पाया।
पर्युषण पर्व का आज चौथा दिन है और सदर बाजार निवासी संभव कोचेटा पुत्र सुमत कोचेटा ने पर्युषण पर्व के पहले तीन दिन तेले की तपस्या की। तीनों दिन वह निराहार रहे और उन्होंने घर पर रहकर ही धर्म आराधना की तथा शास्त्रों का श्रवण किया। संभव कोचेटा ने इस अवसर पर सामायिक और प्रतिक्रमण भी किया। तेले की तपस्या पूर्ण होने पर संभव कोचेटा को प्रसिद्ध जैन साध्वी श्री रमणिक कुंवरजी महाराज साहब, साध्वी श्री नूतन प्रभा श्रीजी महाराज साहब ने उन्हें धर्म क्षेत्र में आगे बढऩे की प्रेरणा दी हैं।
विदित हो कि संभव कोचेटा की परदादी मोक्षगामिनी साध्वी मनोहर कुंवरजी महाराज साहब ने जैन दीक्षा अंगीकार की थी और साध्वी बनने के पश्चात उन्होंने जीवन पर्यंत 60 वर्ष से अधिक समय तक संतत्व जीवन धारण कर घर गृहस्थी को छोड़कर धर्म आराधना की थी तथा उनकी दादी स्व. श्रीमति तारादेवी कोचेटा धर्म पत्नी स्व. धर्मचंद्र जी कोचेटा भी धर्म परायण थी और उनके धार्मिक संस्कारों का ही प्रभाव संभव कोचेटा पर पड़ा।
इस कारण वह प्रतिवर्ष पर्युषण पर्व पर आठों दिन धर्म आराधना करते हैं और इस बार उन्होंने तेले की तपस्या कर कोचेटा परिवार को गौरबांवित किया है। आज तेले की तपस्या पूर्ण होने पर उन्होंने माताजी महाराज के श्री चरणों में माथा टेक कर उनसे आर्शीवाद ग्रहण किया और अपने बड़े पापा हर्षवर्धन कोचेटा, अशोक कोचेटा और बड़ी मम्मी श्रीमति अरूणा कोचेटा एवं मंजू कोचेटा, पापा सुमत कोचेटा, अपनी मां श्रीमति प्रीति कोचेटा तथा बड़े भाई कपिल कोचेटा के चरण स्पर्श कर उनसे आर्शीवाद लिया। उनकी तपस्या पूर्ण होने पर उन्हें उनकी बुआ श्रीमति आशारानी-स्व. सुरेश जी कीमती, बड़े पापा कमल कोचेटा, बड़ी मम्मी श्रीमति प्रेमलता कोचेटा, बड़े भाई डॉ. अमित कोचेटा, संदीप कोचेटा, भाभी डॉ. अभिलाषा कोचेटा, श्रीमति अर्पिता कोचेटा, श्रीमति आंकाक्षा कोचेटा ने उन्हें बधाई देते हुए हार्दिक शुभकामनाएं अर्पित की हैं।
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