बदरवास। देश में कोरोना के संक्रमण के कारण कॉलेज,स्कूल और कोचिंग बंद हैं। बच्चे की पढाई इस कारण अवरूद्ध की गई हैं कि स्वास्थ न बिगडे,लेकिन जिले के एक मिशनरी स्कूल ने भारत सरकार के इस आदेश को नही माना और अपने स्कूल में पूरक परिक्षाओ का आयोजन करा दिया। प्रशाासन एक समझदार बच्चे के तरह चुपचाप देखता रहा और जांच का बात कह कर मामले का रफा-दफा करने का प्रयास करने लगा। अभी तक इस स्कूल पर कोई कार्यवाही नही हुई हैं।
बदरवास नगर के मिशनरी स्कूल लिटिल फ्लावर स्कूल में शासन के निर्देशों को हवा में टांगकर स्कूल में 9वीं क्लास की सीबीएसई परीक्षा में पूरक आए बच्चों के पालकों फोन कर परीक्षा देने के लिए बुलाया गया। इस दौरान विद्यालय में न तो कोई सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई थी और न ही मास्क व सुरक्षित दूरी के नियमों का ख्याल रखा गया।
बच्चों की तबीयत खराब होने पर पहुंचे पालक को स्कूल से भगाया
सीबीएसई पैटर्न पर आयोजित की गई कक्षा 9 की पूरक परीक्षा में बच्चों की तबीयत खराब होने पर पालकों ने एतराज जताया तो विद्यालय प्रबंधन ने उनकी आपत्ति को दरकिनार कर दिया। बच्चों को परीक्षा देने के लिए बुला लिया।
ऐसे ही एक पालक दिलीप विश्वकर्मा का कहना है कि जब वह स्कूल संचालक से पूछने अंदर गए तो उनके साथ फादर ने बदसलूकी करते हुए स्कूल से बाहर का रासता दिखा दिया। इस दौरान फादर ने बातचीत में कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। थोड़ी देर बाद छात्रों को स्कूल से भेज दिया गया।
इनका कहना है
स्कूल के फादर ने मुझे फोन करके बताया कि आपके बेटे अभिषेक का विज्ञान का पेपर 1 जुलाई को होना है। इसलिए बच्चे को स्कूल भेज दें, लेकिन जब मैं स्कूल गया तो मेरे साथ बुरा बर्ताव किया गया। फादर का कहना था कि बच्चा पेपर नहीं देगा तो फेल हो जाएगा। मैं यहां का प्रिंसिपल हूं, जो भी होगा मेरी मर्जी से होगा। इसकी सूचना तत्काल मैंने बीईओ बदरवास और तहसीलदार को दी है।
दिलीप विश्वकर्मा, पालक प्राचार्य मॉडल स्कूल बदरवास।
15 दिन पहले हमको फोन किया गया था कि 1 तारीख को 9वीं कक्षा के सीबीएसई पैटर्न से पूरक आए बच्चों का पेपर है। मैंने कहा कि अभी तो पेपर नहीं हो सकते सभी स्कूल बंद हैं, लेकिन उन्होंने आज बुलाकर पेपर करवाया जैसे ही मीडिया वाले पहुंचे तो थोड़ी देर बाद बच्चों को भगा दिया।
विनोद झा,पालक बदरवास।
बदरवास नगर के मिशनरी स्कूल लिटिल फ्लावर स्कूल में शासन के निर्देशों को हवा में टांगकर स्कूल में 9वीं क्लास की सीबीएसई परीक्षा में पूरक आए बच्चों के पालकों फोन कर परीक्षा देने के लिए बुलाया गया। इस दौरान विद्यालय में न तो कोई सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई थी और न ही मास्क व सुरक्षित दूरी के नियमों का ख्याल रखा गया।
बच्चों की तबीयत खराब होने पर पहुंचे पालक को स्कूल से भगाया
सीबीएसई पैटर्न पर आयोजित की गई कक्षा 9 की पूरक परीक्षा में बच्चों की तबीयत खराब होने पर पालकों ने एतराज जताया तो विद्यालय प्रबंधन ने उनकी आपत्ति को दरकिनार कर दिया। बच्चों को परीक्षा देने के लिए बुला लिया।
ऐसे ही एक पालक दिलीप विश्वकर्मा का कहना है कि जब वह स्कूल संचालक से पूछने अंदर गए तो उनके साथ फादर ने बदसलूकी करते हुए स्कूल से बाहर का रासता दिखा दिया। इस दौरान फादर ने बातचीत में कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। थोड़ी देर बाद छात्रों को स्कूल से भेज दिया गया।
इनका कहना है
स्कूल के फादर ने मुझे फोन करके बताया कि आपके बेटे अभिषेक का विज्ञान का पेपर 1 जुलाई को होना है। इसलिए बच्चे को स्कूल भेज दें, लेकिन जब मैं स्कूल गया तो मेरे साथ बुरा बर्ताव किया गया। फादर का कहना था कि बच्चा पेपर नहीं देगा तो फेल हो जाएगा। मैं यहां का प्रिंसिपल हूं, जो भी होगा मेरी मर्जी से होगा। इसकी सूचना तत्काल मैंने बीईओ बदरवास और तहसीलदार को दी है।
दिलीप विश्वकर्मा, पालक प्राचार्य मॉडल स्कूल बदरवास।
15 दिन पहले हमको फोन किया गया था कि 1 तारीख को 9वीं कक्षा के सीबीएसई पैटर्न से पूरक आए बच्चों का पेपर है। मैंने कहा कि अभी तो पेपर नहीं हो सकते सभी स्कूल बंद हैं, लेकिन उन्होंने आज बुलाकर पेपर करवाया जैसे ही मीडिया वाले पहुंचे तो थोड़ी देर बाद बच्चों को भगा दिया।
विनोद झा,पालक बदरवास।
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