हितेन्द्र सिंह राठौर। महान वही बनता है जो लड़ता है। आज श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जिस मुकाम पर हैं उन्हें वो बिरासत में नही मिला, यह उनके संघर्ष की देन है। औऱ हम बहुत शौभाग्य शाली है कि केंद्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर हमारे क्षेत्र के सांसद हैं। 25 साल पुराने संघर्ष के दिनों में केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी। सिर से बहता हुआ ख़ून फिर भी निडरता से टिके हैं। इसे कहते हैं नेतृत्व। वास्तव में संघर्षमय जीवन अपने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। जैसे आंच में तप कर सोना कुंदन बनता है वैसे मनुष्य भी संघर्ष की आंच में तपकर मनुष्य बनता है। उसमें जीवनोपयोगी गुणों का विकास होता है, जो उसे परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी बनाते हैं। ऐसा व्यक्ति निर्भीक, स्पष्टवादी और विचारक होता है।