MP की वाटर शेड परियोजना में 3000 करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार इसी कारण समाप्त किया वाटर शेड मिशन

BHOPAL: प्रदेश कांग्रेस ने ग्रामीण क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास की परियोजना में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रमाण पेश किये हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री संगीता शर्मा और जिला पंचायत सदस्य नीमच की सदस्य श्रीमती मधु बंसल ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि प्रदेश में कृषि सिंचाई योजना, ग्रामीण क्षेत्र में अधोसंरचना विकास और सशक्तिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में विगत चार वर्षाें (2013-14 से 2016-17 तक) में 88,718 लाख रूपये का आवंटन हुआ है। दुर्भाग्य से मप्र के विकास कार्यों पर राशि खर्च करने की जगह यह राशि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की सांठगांठ से लगभग 3100 करोड़ रूपये का भ्रष्टाचार किया गया है। 
नेताद्वय ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के संरक्षण में भाजपा के पंचायत स्तर के नेताओं को आर्थिक लाभ पहुंचाने की नीयत से बिना मशीनों के इस्तेमाल के और बिना वेंडर की जानकारी के फर्जी बिलों के आधार पर लाखों-करोड़ों रूपये का भुगतान किया गया है। इसी तरह पूरे प्रदेश में बिना टीन नंबर के बिल पर हजारों-लाखों रूपयों के भुगतान किये गये। और तो और अधिकारियों के दौरों पर ट्रेन और टैक्सी दोनों मदों में भुगतान किये गये।  

इस पूरी प्रक्रिया में सरकारी खरीद प्रक्रिया के नियमों और राज्य शासन के भुगतान नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया गया। सुश्री संगीता शर्मा और श्रीमती मधु बंसल ने नीमच जिले की वाटर शेड परियोजना में भ्रष्टाचार के परिणाम प्रस्तुत करते हुए बताया कि उनके द्वारा दस्तावेजी साक्ष्य के साथ इस योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी। जिसके आधार पर नीमच जिले के तीन प्रमुख अधिकारियों को शासकीय सेवा से बर्खास्त किया गया है। 

हांलाकि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के दबाव में प्रारंभिक जांच में दोषियों को बचाने और मामलो को रफा-दफा करने के काफी प्रयास किये गये। जिस तरह से नीमच जिलेे में जिला वाटर शेड सेल सह डाटा सेंटर नीमच की तकनीकी विशेषज्ञ श्रीमती विनीता शर्मा, तत्कालीन टीम लीडर राजवीर यादव तथा तत्कालीन तकनीकी सदस्य प्रशांत गुप्ता ने बिलों के भुगतान में भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनियमितता की, उसी तरह से पूरे प्रदेश में वाटर शेड मिशन की जांच होती है तो न्यूनतम तीन हजार करोड़ रूपयों की अनियमितताऐं सामने आयेगी।

प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों और किसानों के लिए महत्वूपूर्ण माने जाने वाली वाटर रोड मिशन की कोई मानिटरिंग नहीं की, ताकि भाजपा नेताओं को वाटर शेड कमेटियों का अध्यक्ष बनाकर पूरे प्रदेश में इस योजना से भ्रष्टाचार करते हुए राशि भुगतान भाजपा के पंचायत स्तर के नेताओं को सीधा फायदा पहुंचाने के लिये किया जा सके। अब कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर वाटर शेड मिशन का भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद पंचायत विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया की अनुशंसा पर पूरे प्रदेश में वाटर शेड मिशन समाप्त करते हुए बजट आवंटन शून्य कर दिया गया है, जिससे प्रमाणित होता है कि तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव ने पूरे प्रदेश में 3100 करोड़ रूपये का भ्रष्टाचार होने की प्रथम दृष्टयता पुष्टि की थी। राज्य सरकार द्वारा इस तरह से महत्वपूर्ण योजनाओं को समाप्त करने का अन्य कोई उदाहरण नहीं मिलता। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मांग की है कि नीमच जिले की जांच रिपार्ट के आधार पर पूरे प्रदेश में संचालित वाटर शेड मिशन की जांच की जाये, ताकि दोषी अधिकारियों को सख्त से सख्त सजा मिल सके।