मियाद खत्म: विभाग ने EWS वर्ग के 848 चयनित शिक्षकों को नहीं दी नियुक्ति

MP EWS Selected Teachers: हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग ने EWS चयनित शिक्षकों को आखिरकार नियुक्ति नहीं दी है। हाईकोर्ट ने इसके लिए विभाग को 45 दिन की मोहलत दी थी, जो 10 अप्रैल को खत्म हो गई है। EWS चयनित शिक्षक अब विभाग के खिलाफ अवमानना याचिका लगाएंगे। 

ऐसे अटकी है नई भर्ती 
EWS चयनित शिक्षकों (MP EWS Selected Teachers) की नियुक्ति के मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा था कि जब तक EWS उम्मीदवारों की नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक विभाग नई भर्ती प्रक्रिया नहीं कर सकेगा। इसी वजह से उच्च माध्यमिक शिक्षक यानी वर्ग-1 भर्ती 2023 के 7591 पदों पर भी भर्ती पर रोक लगी हुई है। 

पहले मामला जान लीजिए 
स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ष 2018 में उच्च माध्यमिक शिक्षक यानी वर्ग-1 की नियुक्ति के लिये परीक्षा कराकर भर्ती (MP EWS Teacher Recruitment) की 29 सितंबर 2022 को नियोजन प्रक्रिया को नई भर्ती बताकर ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों (MP Teacher EWS Candidate) की नियुक्ति रोक दी गई। इससे 848 EWS उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं मिल सकी। जबकि हकीकत यह थी कि इस भर्ती को भी वर्ष 2018 के परीक्षा परिणाम के आधार पर ही की गई थी। इसे EWS उम्मीदवारों (MP EWS Selected Teachers) ने हाईकोर्ट की अलग-अलग बेंच में चैलेंज किया था। 

3 अप्रैल को विभाग ने दायर की रिट अपील 
वर्ग-1 भर्ती 2018 में 848 EWS चयनित शिक्षकों (MP EWS Selected Teachers) को नियुक्ति देने की जगह हाईकोर्ट के आदेश के 38 दिन बाद 3 अप्रैल को स्कूल शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट में आदेश के विरुद्ध रिट अपील दायर कर दी। हालांकि अब तक इस पर सुनवाई नहीं हो सकी है। 

बेंच कर चुका है तीखी टिप्पणी 
EWS उम्मीदवारों (MP EWS Selected Teachers) से जुड़ी अलग-अलग याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और न्यायमूर्ति विशाल धगत ने अपने आदेश में कहा कि विभाग ने जानबूझकर यह गलती की है। बेंच ने सुनवाई के दौरान कोर्ट भांग खाकर नहीं बैठते हैं और इंग्लिश क्लास लगाने की नसीहत जैसी तीखी टिप्पणियां भी की। 

ईडब्ल्यूएस संघ लगाएगा अवमानना याचिका 

EWS आरक्षण संघ मध्य प्रदेश के प्रदेश सचिव श्री संजय रघुवंशी ने आरोप लगाया कि लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव व भर्ती प्रक्रिया देख रही अपर संचालक सुश्री कामना आचार्य ने यह मामला उलझाया है।