आरक्षण के कारण सामाजिक संतुलन बिगड़ रहा है, इसे खत्म करना चाहिए - my opinion

महोदय जी, 
सभी को ज्ञात है कि आरक्षण की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। सत्ता मे रहने वाली राजनैतिक पार्टी अपने वोट बैंक के लिए नये -नये प्रयोग करती है। वर्तमान मे मध्य प्रदेश मे भी यही हो रहा है। इंदिरा साहनी एवं अन्य बनाम केंद्र सरकार (यूनियन ऑफ़ इंडिया) (मंडल जजमेंट) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण को सही ठहराया।

इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार के मामले में न्यायालय ने यह भी कहा था कि आरक्षण केवल प्रारंभिक नियुक्तियों पर ही लागू होगा न कि पदोन्नति पर। 1992 में सर्वोच्च न्यायालय ने अधिवक्ता इंदिरा साहनी की याचिका पर ऐतिहासिक फ़ैसला सुनाते हुए जाति-आधारित आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत तय कर दी थी। 

अतः निवेदन है कि अब आरक्षण को पूर्ण रूप से समाप्त किया जाए। इसके लिए निम्न तर्क हैं:
1) यह कि आरक्षण से प्रतिभावान बच्चे और उनकी प्रतिभा सामने नही आ पाने से देश को योग्य और अपने क्षेत्र मे कुशल व्यक्ति नही मिल पा रहे हैं। अतः आरक्षण एक तरीके से लकवा स्वरूप है, इसे समाप्त किया जाना चाहिए। आरक्षण के कारण शिक्षक भर्ती में 150 मे से 75 अंक वाला योग्य जबकि जिसे आरक्षण नही मिला वो 150 मे से 89 अंक के कारण भी आयोग्य हो गया। जबकि 75 से कही ज्यादा योग्य 89 वाला था।

2) यह कि आरक्षण समाज को एक तरह से बांटने और विवाद का कार्य करते है। अतः आरक्षण समाप्त किया जाकर सभी को समता के अधिकार के तहत अपनी प्रतिभा को सामने रखने का मौका मिलना चाहिए।

3) यह कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा मे आरक्षित और गैर आरक्षित वर्ग के उत्तीर्ण अंक मे बहुत ज्यादा अंतर होने से छात्रों मे हीन भावना और कुंठा उत्पन्न होती है जिससे अवसाद और मानसिक रोग छात्रों को घेरते हैं। अतः आरक्षण खत्म करना चाहिए।

4) यह कि आरक्षित वर्ग को स्वयं की आरक्षित सीट के अलावा अन्य गैर आरक्षित सीट पर भी हक जमाने का अधिकार है। जिससे गैर आरक्षित वर्ग अपने आपको ठगा सा और उपेक्षित मेहसूस करते हैं। अतः आरक्षण खत्म करना चाहिए।

5) आरक्षण के चलते बच्चे स्वयं के अंदर की छिपी प्रतिभा को पहचान नही पाते क्योंकि वे समान रूप से प्रतियोगिता करना ही नही जान पाते और देश को योग्यता नही मिल पाती।

6) आरक्षण का उपयोग वोटर और वोटिंग के लिए ही मात्र उद्देश्य रह गया है जो देश और समाज को अपंग बना रहा है। यदि शीघ्र ही इसे खत्म नही किया गया तो हमारा देश विकलांग हो जाएगा। अतः आरक्षण खत्म करना चाहिए।

आरक्षण खत्म होगा तो देश वर्तमान स्थिति की दस गुना तेजी से विकसित देशों की श्रेणी मे दौड लगाएगा। अतः आरक्षण को समाप्त कर देश को आगे बढाने मे सहयोग करें। ✒ लेखक: सतीश कुमार, बरगी नगर, जबलपुर