भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में गैस पीड़ित कोरोना मरीज की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। परिजनों का आरोप है कि रिपोर्ट गलत देने और सही इलाज नहीं मिलने के कारण मरीज की की मौत हुई है। भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने इस मामले की शिकायत सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित निगरानी समित और आईसीएमआर से की है।
ढींगरा ने बताया कि 61 वर्षीय गैस पीड़ित मोहम्मद सादिक को हार्ट संबंधी परेशानी होने पर परिजनों ने 29 अगस्त को बीएमएचआरसी में भर्ती किया था। कोरोना के लक्षण होने के चलते उनको आइसोलेशन वार्ड में रखकर कोरोना का सैंपल लिया गया था। 31 अगस्त की शाम को रिपोर्ट निगेटिव बताई और मरीज को सीसीयू में भर्ती किया गया था। मंगलवार की सुबह उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव बताते हुए उनको वापस आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया था। जहां दोपहर में करीब दो बजे इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने कोरोना रिपोर्ट पहले निगेटिव और फिर पॉजिटिव बताने का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा किया।
बताया गया है कि रिपोर्ट बताने के बाद मरीज को जब सीसीयू में भर्ती किया गया था तब वहां पांच और मरीज भी भर्ती थे। उक्त मरीज को एक डॉक्टर ने अन्य स्टाफ के साथ मिलकर वेंटिलेटर भी लगाया था। ऐसे में उक्त डॉक्टर और स्टाफ के साथ ही सीसीयू में भर्ती दूसरे मरीजों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका है।
मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव ही थी। मरीज के परिजनों को कोई गलतफहमी हुई थी। उनके मांगने पर हमारी ओर से उनको जांच रिपोर्ट की कॉपी भी उपलब्ध कराई गई है।
रितेश पुरोहित, पीआरओ, बीएमएचआरसी
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ढींगरा ने बताया कि 61 वर्षीय गैस पीड़ित मोहम्मद सादिक को हार्ट संबंधी परेशानी होने पर परिजनों ने 29 अगस्त को बीएमएचआरसी में भर्ती किया था। कोरोना के लक्षण होने के चलते उनको आइसोलेशन वार्ड में रखकर कोरोना का सैंपल लिया गया था। 31 अगस्त की शाम को रिपोर्ट निगेटिव बताई और मरीज को सीसीयू में भर्ती किया गया था। मंगलवार की सुबह उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव बताते हुए उनको वापस आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया गया था। जहां दोपहर में करीब दो बजे इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने कोरोना रिपोर्ट पहले निगेटिव और फिर पॉजिटिव बताने का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा किया।
बताया गया है कि रिपोर्ट बताने के बाद मरीज को जब सीसीयू में भर्ती किया गया था तब वहां पांच और मरीज भी भर्ती थे। उक्त मरीज को एक डॉक्टर ने अन्य स्टाफ के साथ मिलकर वेंटिलेटर भी लगाया था। ऐसे में उक्त डॉक्टर और स्टाफ के साथ ही सीसीयू में भर्ती दूसरे मरीजों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका है।
मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव ही थी। मरीज के परिजनों को कोई गलतफहमी हुई थी। उनके मांगने पर हमारी ओर से उनको जांच रिपोर्ट की कॉपी भी उपलब्ध कराई गई है।
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