एक सप्ताह बीतने के बाद भी नहीं खुला उर्दा घोटाले का राज | MP NEWS

संदीप विश्वकर्मा, गुनौर। मध्य प्रदेश में किसानों के साथ लूट में छूट यानि लूट घसोट का मामला अगर पत्रकारों की सूझबूझ से पकड़ा भी गया है तो जिले के अधिकारी फूंक-फूंक कर कदम रख रही हो और कार्यवाही ना हो रही हो तो इसका जिम्मेदार कौन है। जिले के अधिकारी अभी मौन हैं। कहते हैं जांच जारी है। 

किसानों के साथ लूट करने वाला कृषि उपज मंडी गुनौर का का महकमा काफी दिनों से चर्चित है इसकी शिकायत होने के बावजूद भी स्थानीय एवं जिला प्रशासन की प्रशासनिक कार्य गुजारियों ने किसी प्रकार का न्याय संगत संज्ञान नहीं लिया था स्थानीय पत्रकारों की सूझ बूझ एवं तत्परता के  चलते जिले के आला अधिकारियों को सूचित किया गया तदुपरांत जिले के आला अधिकारियों का एक दस्ता तुरंत गुनोर राजेश में भूपेंद्र सिंह जिला डीएम ने पंचनामा की कार्यवाही करते हुए जब्ती की कार्यवाही की की कार्यवाही के दौरान रात 10:00 बजे तक पुलिस थाना गुनौर के सामने स्थित सहकारी समिति भवन की बिल्डिंग सारी कार्रवाई की गई उक्त दौरान समिति प्रबंधक माखनलाल सोनी द्वारा पत्रकारों को भय एवं धमकी भरी तकनीक का भी इस्तेमाल करते हुए धमकाया गया जिसके पश्चात भी पत्रकारों पास में है मगर यह सप्ताह के बीतने के बावजूद भी पता नहीं जिले की नौकरशाही आखिर कौन सी जांच कर रही है कि उसकी कार्यवाही सही मुकाम तक नहीं पहुंच सकी है जबकि माखनलाल सोनी समिति प्रबंधक ने स्थानीय पत्रकारों को धमकी के बाद सुलह करना माफी मांगना आदि कर्तव्यों का इस्तेमाल कर लिया मगर जिस तरह से हर ईमानदार को खरीदा नहीं जा सकता और ना ही धमकाया जा सकता है उसी ताकिद को पत्रकारों ने दोहराया मगर सप्ताह बीतने के बावजूद भी आज दिनांक तक कार्यवाही ना हो पाना एवं जिला कलेक्टर के संज्ञान तक बात ना पहुंच पाना क्या दर्शित करता है यह आवाम के सामने।

क्या है मामला

समिति प्रबंधक माखनलाल सोनी गुन्नौर द्वारा 227 बोरी उरदा 6 लाख सिंपल का बताया जाता है उसको शिकायत के आधार पर जबकि की कार्यवाही की गई थी और मौके पर अधिकारियों द्वारा पूछने पर समिति प्रबंधक माखन लाल सोनी यह बताने में असफल रहे कि, यह उरदा अवैध रूप से रखी जाने का कारण क्या था और ना ही कोई दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत कर सके थे ।।                         

आखिर क्या है 227 बोरी अवैध रूप से रखे उरदा का रहस्य 

27 जनवरी 2019 की शाम 5:00 बजे पुलिस थाना गुनौर के सामने शासकीय कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित शाखा गुनौर . के भवन में डीएपी यूरिया खाद के बीच में छुपाकर 227 बोरी उर्दा की बोरियां समिति प्रबंधक माखन लाल सोनी के द्वारा रखी गई थी। इसकी ना तो उनके पास किसी प्रकार की रशीद  दस्तावेज है और ना ही यह बताओ पा रहे हैं कि उरदा आया कहां से।  सूचना देने वालों का कहना है कि यह अवैध रूप से जमा किया गया वहीं उडदा है जो माखनलाल सोनी ने जमा कर रखा था अब जांच चल रही है नोटिस दिया जाएगा जवाब लिया जाएगा फिर कार्यवाही होगी मगर सवाल उठता है कि आखिर कब कब तक होगी कार्यवाही जब पत्रकारों द्वारा करवाई गई छापामार कार्यवाही के बावजूद भी कार्यवाही हो रही है का जवाब अधिकारियों द्वारा दिया जा रहा है सवाल उठना लाजमी है कि, बड़ी मात्रा में अवैध रूप से खरीदी केंद्र से उठाकर उड़दा गुप्त जगह पर रखा गया था। तो उसकी जानकारी अधिकारियों को क्यों नहीं थी।

कार्यवाही के दौरान पत्रकारों को दी गई थी जान से मारने की धमकी

रात्रि में छापामार कार्यवाही के दौरान दिल्ली के खाद्य अधिकारी भूपेंद्र सिंह परिहार एवं उनके दल वालों ने छापा मारा जबकि और पंचनामा कार्रवाई के दौरान बयान हो रहे थे तभी सभी समिति प्रबंधक माखनलाल सोनी ने यह कहा था कि मैं एक एक को देख लूंगा । जिसकी शिकायत ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री महोदय राष्ट्रपति महोदय कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई थी जिस संबंध में पत्रकारों की बयान भी क्रमशः पुलिस थाना गुनौर में दर्ज हो चुके हैं और पुलिस वाले कह रहे हैं की अभी जांच जारी है बयान होना है तहसीलदार गुनौर  एवं जिले के अधिकारियों के बयान होना है । इस प्रकार से चलती है कारयवाही । 

क्या है नियम

जिले के बारे खाद एवं उपार्जन अधिकारियों का कहना है कि अगर इतना सारा उरदा अवैध रूप से रखा गया था तो उसमें उपार्जन नहीं दी गई निर्देशों का पालन नहीं किया गया है खरीदी केंद्र से उरदा अगर कहीं उठाया जाता है तो उसमें परिवहन के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति लेना आवश्यक होता है अगर ऐसा किया गया है तो वह गलत है और इनकी विरुद्ध कार्यवाही होगी।

क्या कहते हैं जिले के खाद्य अधिकारी भूपेंद्र सिंह परिहार

जिला खाद्य अधिकारी भूपेंद्र सिंह परिहार से लगातार इस संबंध में संपर्क साधा गया था उन्होंने बताया कि जांच अभी जारी है कारण बताओ नोटिस की बात शो कॉज नोटिस आदि कमेंट करते हुए संबंधित प्रकरण की फाइल जिले की कलेक्टर को भेजी जाएगी और कार्यवाही वहीं से होना है। 

क्या कहते है जिले के कलेक्टर

पन्ना जिले की कलेक्टर पन्ना मनोज खत्री से जब इस संबंध में आज जानकारी चाही गई। तो संबंधित प्रकरण मेरी जानकारी में नहीं है मैं पूछता हूं का जवाब दिया गया।