विकास परियोजनाओं में की जा रही पर्यावरण और महिलाओं के हितों की अनदेखी | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में संचालित विभिन्न विकास परियोजनाओं खासकर सड़क निर्माण के दौरान न केवल पर्यावरण संरक्षण की अनदेखी की जा रही है बल्कि इनमें महिलाओं और श्रमिकों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है. यह बात भोपाल के गाँधी भवन में आयोजित एक राज्य स्तरीय विमर्श में प्रोग्राम ऑन विमेंस इकोनोमिक,सोशल एंड कल्चरल राइट्स, नई दिल्ली की निर्देशक प्रीति दारूका ने व्यक्त किये. यह कार्यशाला एकता परिषद और निवसीड द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई. कार्यशाला में प्रदेश के 18 जिलों से विभिन्न सड़क परियोजनाओं के प्रभावितों ने भागीदारी की.

श्रीमती प्रीति दारूका ने बताया कि हमने ब्रिक्स फेमिनिस्ट वॉच और एकता परिषद के साथ संयुक्त रूप से मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम  द्वारा मध्यप्रदेश में न्यू डेवलपमेंट बैंक परियोजना अंतर्गत बनाई जा रही सड़कों की लैंगिक दृष्टिकोण से निगरानी की। यह परियोजना मध्य प्रदेश में 64 जिलों में फैले 24 पैकेजों में प्रमुख जिला सड़कों का उन्नयन और चौड़ीकरण के लिए संचालित की जा रही है। इस अध्ययन के दौरान क्षेत्र अनुसंधान के लिए हमने अशोक नगर और सागर जिले को चुना. परियोजना में सभी स्तरों पर पारदर्शिता और जवाबदेही का अभाव है। पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन, संपर्क विवरण, लोगों से चर्चा के बारे में जानकारी और परियोजना से संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। लोगों को इन बिन्दुओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. महिलाओं और लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु भी कोई प्रयास नहीं किया गया है. परियोजना के किसी भी पहलू में महिलायें नजर ही नहीं आतीं.  पूरी टीम पुरुषों की है। यहाँ तक कि कोई भी महिला किसी भी गाँव के परामर्श में शामिल नहीं थी। 

संसथान की प्रतिनिधि डॉ. शशि तोमर ने बताया कि इस परियोजना में मजदूरों का बेहद शोषण किया जा रहा है. उन्हें न्यूनतम वेतन नहीं दिया जा रहा है. किसी के पास नियुक्ति पत्र नहीं है ताकि वे दावा कर सकें. सभी श्रमिकों को बाहर से लाया गया है और वे अमानवीय सथियों में सड़क किनारे अपनी दिनचर्या पूरी करते हैं. वे सोने, खाना पकाने और अन्य दैनिक कार्यों के लिए सड़क या  तंग टेंटों पर निर्भर हैं.



कार्यक्रम में केन्द्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड के प्रतिनिधि अफाक जी ने श्रमिक कल्याण के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी प्रदान की. कार्यक्रम में राजीव भार्गव, राखी रघुवंशी, सत्येन्द्र पाण्डेय, प्रवीण गोखले, बडवानी, उमा गोश्वामी, बेतुल, युसूफ बेग-पन्ना, प्रतीक गुप्ता- सतना, विनोद पटेरिया-विदिशा, मैना यादव-डिन्डोरी, भूपेंद्र त्रिपाठी- अनूपपुर आदि ने भागीदारी कर अपने जिलों के मुद्दे साझा किये.