जनजाति कार्य विभाग द्वारा ट्रांसफर पर रोक लगाना अव्यवहारिक है: संतोष सोनी

मंडला। आजाद अध्यापक संघ जिलाध्यक्ष संतोष सोनी ने बताया कि जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के अंतर निकाय संविलियन पर लगी रोक अव्यवहारिक है। जबकि इसी व्यवस्था के आधार पर शिक्षा विभाग की शालाओं में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के अंतर्निकाय  संविलियन हो चुके हैं पूर्व में दोनों विभागों में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के लिए यह प्रक्रिया मध्यप्रदेश शासन द्वारा लागू की गई थी। जिलाध्यक्ष संतोष सोनी ने बताया कि पूर्व में इस आदेश में लगी रोक को हटाने के लिए आजाद अध्यापक संघ ने जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री माननीय लाल सिंह आर्य जी के आवास पर धरना प्रदर्शन भी किया , जनजातीय कार्य विभाग के आयुक्त से भी मुलाकात कर समस्या का निराकरण करने की पहल की  किंतु 2 माह से लगी रोक आज भी नहीं हट पाई है। 

संतोष सोनी ने बताया कि अध्यापक संवर्ग के कर्मचारी ना ही शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं और ना ही जनजाति कार्य विभाग के कर्मचारी जब मध्यप्रदेश शासन ने अध्यापक संवर्ग के अंतर निकाय संविलियन का प्रस्ताव  विधानसभा में पारित किया एवं कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय हुआ कि अध्यापक संवर्गों का अंतर्निकाय संविलियन किया जाएगा तो फिर जनजाति कार्य विभाग द्वारा रोक लगाना समझ से परे है। 

अध्यापक संवर्ग इस बात को लेकर काफी आक्रोशित है बहुत सारे अध्यापक साथी ऐसे हैं जिन्होंने ट्रांसफर की आशा में अपने घरों का सामान बेच दिया अपने बच्चों का दाखिला संविलियन होने वाली जगह पर करवा लिया उनका कहना है कि जब ऑनलाइन प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है सिर्फ संविलियन के आदेश होना शेष रह गया इस स्थिति में रोग लगा कर अध्यापक संवर्ग के साथ मध्यप्रदेश शासन  मैं बैठे कुछ अधिकारी शासन की व्यवस्था का मजाक बना रहे हैं। संगठन ने मांग की है कि हाईस्कूल /हायरसेकेण्डरी के कार्य मुक्ति पर लगी रोक हटाई जाए। प्राथमिक /माध्यमिक कि प्रावधिक की सूची शीघ्र जारी की जाए। आजाद अध्यापक संघ पुनः माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर मांग करेगा कि इस गंभीर समस्या का शीघ्र निदान किया जाए।